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नाम नहीं, खास नंबर से होगी स्कूली छात्रों की पहचान, एडमिशन में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए केंद्र सरकार कर रही है बड़ी तैयारी

नाम नहीं, खास नंबर से होगी स्कूली छात्रों की पहचान, एडमिशन में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए केंद्र सरकार कर रही है बड़ी तैयारी

PATNA : स्कूलों में एडमिशन में चल रहे फर्जीवाड़े को पूरी तरह से खत्म करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से बड़ी तैयारी की जा रही है। जिसके बाद छात्र और उसकी पूरी जानकारी तुरंत मिल जाएगी। 

बताया जा रहा है कि  मंत्रालय ओर से प्रदेश सहित देशभर के सरकारी व निजी स्कूलों के बच्चों को नया पहचान नंबर दिया जाएगा। कक्षा एक से 12 वीं तक के छात्र-छात्राओं को शिक्षा विभाग द्वारा पैन (परमानेंट एजुकेशन नंबर) जारी किया जाएगा। इसको लेकर यू डाइस पोर्टल पर तेजी से डाटा अपलोड कराया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से निर्देश दिया गया है कि 29 फरवरी तक हर हाल में यू डायस पोर्टल पर डाटा अपडेट करें। जिसके बाद छात्रों की पहचान उसी नंबर से की जाएगी

2.44 करोड़  से ज्यादा छात्रों को मिलेगा नंबर

यू डायस अपडेट होने के बाद राज्य के 94 हजार 889 निजी और सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले 2 करोड़ 44 लाख 77 हजार 511 बच्चे को पैन नंबर मिलेगा। जिसमें भागलपुर जिले के 2489 सरकारी व निजी स्कूलों में पढ़ने वाले 7 लाख 32 हजार 346 बच्चे शामिल हैं।

फिलहाल, यू डाइस (यूनिफाइड डिस्ट्रिक इंफार्मेशन सिस्टम फार एजुकेशन) पर बच्चों से जुड़ी 53 प्रकार की जानकारी भरने का काम जारी है। बच्चों को ट्रैक करने के लिए पैन कार्ड की तर्ज पर परमानेंट एजुकेशन नंबर होगा। पैन नंबर 12 अंकों की होगी। पैन जारी होने के बाद महज एक क्लिक पर बच्चों के बारे में सारी जानकारियां कंप्यूटर स्क्रीन पर उपलब्ध हो जाएगी।

बच्चों को पैन नंबर मिलने के बाद ऐसे बच्चे जो दो जगह पर नामांकित हैं, ऐसे बच्चे पकड़ में आएंगे। सरकारी विद्यालय में नामांकन करा कर निजी स्कूल में पढ़ाई करने वाले बच्चों के बारे में भी जानकारी मिल जाएगी। इससे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं में भी फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी। ड्राप आउट करने के बाद बच्चे दूसरे जगह नामांकन ले रहे हैं या नहीं, यह भी पकड़ने में आसानी होगी।

पैन नंबर से ही होगा बोर्ड और 12वीं का पंजीकरण

परमानेंट एजुकेशन नंबर मिलने के बाद वैसे बच्चे जो 9 वीं व 11वीं में जिन्हें बोर्ड में रजिस्ट्रेशन करना होता था। अब पैन नंबर की मदद से बच्चों को पंजीकरण होगा। स्कूलों में बच्चों से जुड़े हर काम करने के लिए पैन नंबर का उपयोग होगा। यहां तक की बच्चों की टीसी जारी होने पर भी इस नंबर को भरना अनिवार्य होगा। साथ ही इसे डिजी लाकर से किया लिंक करने की तैयारी है।

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