दिल्ली अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्णाण अपने चरम पर है.प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्र भी लगभग तय हो चुका है. ऐसे में बाबरी ढ़ाचे को लेकर शरद पवार ने बड़ा खुलासा किया है. वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी की किताब 'हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड' के विमोचन' पर (शरद) गुट के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने बड़ा खुलासा किया. शरद पवार ने खथुलासा करते हुए बताया कि 1992 में जब राम जन्मभूमि आंदोलन अपने उफान पर था तब भाजपा की वरिष्ठ नेता विजया राजे सिंधिया ने उस समय ततकालीन प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिंह राव को बाबरी ढांचे की सुरक्षा का आश्वासन दिया था. पीवी नरसिम्हा राव ने अपने मंत्रियों की सलाह के खिलाफ सिंधिया की बात पर विश्वास किया. पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि विजया राजे सिंधिया की बातों पर विश्वास करने पर फिर क्या हुआ ये सभी जानते हैं.
नीरजा चौधरी की किताब 'हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड' के विमोचन के समय शरद पवार ने खुलासा करते हुए बताया कि आंदोलन शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ने मंत्रियों के एक समूह के साथ बैठक किया, उस बैठक में मैं भी मौजूद था. उन्होंने कहा कि बैठक में यह फैसला लिया गया कि प्रधानमंत्री को संबंधित पार्टी के नेताओं की बैठक बुलानी चाहिए. पवार ने कहा कि उस बैठक में विजया राजे सिंधिया ने प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया था कि बाबरी ढांचे को कुछ नहीं होगा.पवार ने कहा कि उन्हें, गृह मंत्री और गृह सचिव को लगा कि कुछ भी हो सकता है, लेकिन राव ने सिंधिया पर विश्वास करने का फैसला किया.
'हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड,में निरजा चौधरी ने घटना के बाद राव की कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के साथ हुई बातचीत का जिक्र किया, जिस दौरान प्रधानमंत्री से पूछा गया था कि विध्वंस के समय वह क्या कर रहे थे.तो उन्होंने दावा किया कि राव ने पत्रकारों से कहा था कि उन्होंने ऐसा होने दिया, क्योंकि इससे एक मुद्दा खत्म हो जाएगा और उन्हें लगा कि भाजपा अपना मुख्य राजनीतिक कार्ड खो देगी.