PATNA: राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी को राजद से मोहभंग हो गया है।वैसे इनका मोहभंग कोई पहली दफा हुई है ऐसी बात नहीं है....इसके पहले भी इनका मोहभंग हो चुका है।शिवानंद तिवारी का सिर्फ राजद से हीं मनोहभंग नहीं हुआ था बल्कि राजनीति से भी मोहभंग हो चुका था।शिवानंद तिवारी ने सालों पहले राजनीति से सन्यास ले लिया था।सन्यास लेने के बाद अचानक एक बार फिर से उनको राजनीति का चस्का लगा और सन्यास वापस लेते हुए फिर से राजद में शामिल हो गए।लालू प्रसाद ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया।तब से लेकर अब तक वे राजद का जमकर गुणगाण किया।शायद इन्हें लगा था कि सक्रिय राजनीति के साथ-साथ राजद में वापस आने के बाद पार्टी की तरफ से उन्हें कोई बेहतर विकल्प दिया जाएगा।इस आश में तब से लेकर अबतक बैठे रहे।लेकिन जैसा सोंचा था वैसा हुआ नहीं।
राजद में नहीं मिल रहा था भाव
राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि पिछले कई माह से शिवानंद तिवारी राजद में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। वे सार्वजिनक मंचों पर तेजस्वी को कई तरह की सलाह भी दे रहे बाबवजूद इसके उनकी बातों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। खासकर जब से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जेल गए हैं,पार्टी में शिवानंद तिवारी का कोई भाव नहीं रहा।पार्टी की स्थापना दिवस हो या अन्य मौका वे खुलकर राजद की जो कमियां हैं उसको गिनाने से बाज नहीं आ रहे थे।कई दफे तो वे तेजस्वी के गायब रहने पर भी सवाल उठा चुके थे।शिवानंद तिवारी नसीहत पर नसीहत दे रहे थे लेकिन उकी नसीहत पर ध्यान देने वाला कोई नहीं था। नसीहत का नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी पर भी कोई असर नहीं हो रहा था।
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तो क्या जेडीयू से बढ़ रही नजदीकी?
जानकार बताते हैं कि शिवानंद तिवारी ने सब सोंच समझकर हीं यह निर्णय लिया है।बताया जाता है कि अब राजद का कोई भविष्य न देख उन्होंने अपने आप को साइड करने में हीं भलाई समझी है।हालांकि उनके बेटा अभी राजद से विधायक हैं।जानकारों का कहना है किं संभावना तो यह भी है कि अपने विधायक बेटे को अगले चुनाव में जेडीयू में सेट कराने को लेकर शिवानंद तिवारी ने राजद से छुट्टी लेने का फैसला लिया है।उनकी जेडीयू से काफी नजदीकी रही है।कभी नीतीश कुमार के खासमखास माने जाने वाले शिवानंद तिवारी ने लालू प्रसाद को चारा घोटाला मामले को उजागर करने में महती भूमिका निभाई थी।
राजद में रहकर थका महसूस कर रहेे
शिवानंद तिवारी ने पार्टी से संबंधित कार्यों से छुट्टी लेने की बात कही है। बताया जा रहा है कि उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। वे राजनीतिक कार्यों को लेकर अब खुद को थका महसूस कर रहे हैं। मंगलवार को शिवानंद तिवारी ने ये बातें प्रेस बयान जारी कर कही है। हालांकि राजद की ओर से इस पर अभी किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन यह भी तय है कि विरोधी पार्टियों को चुटकी लेने का मौका मिल गया है।