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राम मंदिर के विरोध में अनशन पर बैठना पूर्व केंद्रीय मंत्री की बेटी के लिए बनी मुसीबत, सोसाइटी से निकालने की हुई मांग

राम मंदिर के विरोध में अनशन पर बैठना पूर्व केंद्रीय मंत्री की बेटी के लिए बनी मुसीबत, सोसाइटी से निकालने की हुई मांग

NEW DELHI : कभी प्रधानमंत्री मोदी को 'नीच आदमी' और 'कायर' कहने के कारण विवादों में रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। इस बार चर्चा का कारण उनका बयान नहीं, बल्कि उनकी बेटी सुरन्या अय्यर है। जिन्होंने राम मंदिर को लेकर पिछले दिन सोशल मीडिया पर ऐसी बात लिखी कि अब उस पर विवाद खड़ा हो गया है। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि जिस सोसायटी में उनका फ्लैट है, वह जगह उन्हें खाली करने के लिए कहा गया है। 

दरअसल, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी सुरन्या अय्यर ने राम मंदिर निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के विरोध में तीन दिन का अनशन किया था और आरोप है कि सुरन्या ने अपने सोशल मीडिया में किए पोस्ट में लिखा था कि, अपने मुस्लिम भाइयों के लिए अनशन कर रही हूं. अयोध्या में जो हिंदू राष्ट्र के नाम पर हो रहा है वह गलत है। उन्होंने सनातन धर्म के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट किया था. इसकी वजह से मणिशंकर अय्यर की बेटी के खिलाफ जंगपुरा स्थित उनकी सोसाइटी की आरडब्ल्यूए ने एक्शन लिया है। 

मणिशंकर और उनकी बेटी मांगे माफी : आरडब्ल्यूए ने नोटिस जारी कर मणिशंकर अय्यर और उनकी बेटी सुरन्या अय्यर को पत्र लिखकर माफी मांगने को कहा है. आरडब्ल्यूए का कहना है कि दोनों या तो सार्वजनिक रूप से माफी मांगें…नहीं तो सोसाइटी छोड़कर चले जाएं. दरअसल, मणिशंकर अय्यर की बेटी दिल्ली के जंगपुरा इलाके में रहती हैं.

वहीं मामले में बढ़ते विवाद के बाद सुरन्या ने फेसबुक पर अपना बयान जारी किया है और कहा, ‘यह बयान मेरे फास्ट के बारे में एक टेलीविजन कहानी के संबंध में है. सबसे पहले संबंधित रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) जिस कॉलोनी से है, वहां मैं रहती ही नहीं हूं. 

दूसरा, मैंने फिलहाल मीडिया से बात न करने का फैसला किया है, क्योंकि अभी भारत में मीडिया केवल जहर और भ्रम फैला रहा है. आप सब मुझे जानते हैं. मैंने भारत में अब तक अपनी सारी ज़िंदगी (लगभग 50 वर्ष) के दौरान सभी राजनीतिक दृष्टिकोण के लोगों के साथ बड़ी हुई हूं, पढ़ी हूं, काम किया है और ऐक्टिविज़म किया है. 

फिलहाल मैं अपनी बातें अपने फेसबुक और यू-ट्यूब पेजों पर ही छोड़ूंगी ताकि आप स्वयं, शांति से, इसके बारे में सोच सकें. मैं मीडिया सर्कस से बचने की कोशिश कर रही हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि भारत में हमें एक बेहतर प्रकार के सार्वजनिक संवाद की आवश्यकता है. आइए हम गाली-गलौच के बजाय, कुछ सोचने का प्रयास करें. जय हिन्द!’


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