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हाजत में युवक की बेरहमी से पिटाई कर फंस गई सीवान पुलिस, अब देना होगा दो लाख मुआवजा, हाईकोर्ट ने दिया एसपी को दोषियों पर केस करने के निर्देश

हाजत में युवक की बेरहमी से पिटाई कर फंस गई सीवान पुलिस, अब देना होगा दो लाख मुआवजा, हाईकोर्ट ने दिया एसपी को दोषियों पर केस करने के निर्देश

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने सीवान के एसपी को सूचक बन प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।साथ ही एसपी को दो माह के भीतर अनुसन्धान पूरी कर पुलिस अधिकारियों के खिलाफ  आरोप पत्र दायर करने का आदेश दिया। कोर्ट ने आवेदक को चार सप्ताह के भीतर दो लाख रुपये बतौर मुआवजा भी देने का आदेश दिया।जस्टिस विवेक चौधरी  ने दिनेश कुमार सिंह की ओर से दायर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई की।आवेदक की ओर से अधिवक्ता शामा सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि बगैर किसी वारंट के  4 जुलाई 2017 को आवेदक के पुत्र योगेश कुमार सिंह को सीवान पुलिस ने सीवान सिविल कोर्ट परिसर से उठा लिया।

उनका कहना था कि पुलिस हिरासत में उसकी पिटाई की गई।बाद में उसे सीवान सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।हालात ठीक नहीं रहने के कारण उसे पीएमसीएच रेफर किया गया। इस घटना को लेकर एक परिवादपत्र सीवान सीजेएम के कोर्ट में दायर किया गया।इस परिवादपत्र को जांच के लिए एसपी को भेजा गया।आवेदक के पुत्र को 7 जुलाई 2017 को छोड़ दिया गया। उसके शरीर पर आठ गहरे जख्म पाये गये।उन्होंने कोर्ट को बताया कि 8 जुलाई, 2017 को सीजेएम के समक्ष उसे प्रस्तुत किया गया।उनका कहना था कि आवेदक के बहु ने अपने पति के साथ हुई घटना को लेकर राज्य मानवाधिकार आयोग में आवेदन दी।

एक भी गवाह पेश नहीं कर सकी पुलिस

उनका कहना था कि अपर सत्र न्यायाधीश ने जमानत आदेश में पुलिस के मंसूबों का जिक्र करते हुए जमानत दे दी।यही नहीं,जब केस का ट्रायल शुरू हुआ,तो पुलिस एक भी गवाह पेश नहीं कर सकीं। यही नहीं, केस के सूचक और अनुसन्धानकर्ता भी कोर्ट के समक्ष गवाही देने के लिए नहीं आये। कोर्ट ने 30 मार्च ,2021 को उसे बरी कर दिया।

कोर्ट ने पेश दलील और दस्तावेजों को देखने के बाद बिहार पुलिस को चार सप्ताह के भीतर दो लाख रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान करने का आदेश दिया। वहीं सीवान एसपी को सूचक बन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।साथ ही कानून के तहत तय समय सीमा के भीतर अनुसन्धान पूरा  करने का आदेश दिया।

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