सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा मुस्लिम रेजिमेंट का फेक न्यूज़, सेना अधिकारीयों ने की तत्काल सख्ती की मांग

DESK फेक न्यूज़ समाज में जहर ओर नफरत फ़ैलाने का काम करती है .ऐसा ही एक झूठ बरसों से सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है. ये है भारतीय सेना में तथाकथित मुस्लिम रेजिमेंट का झूठ. रह-रहकर इस मुस्लिम रेजिमेंट की फेक न्यूज़ सोशल मीडिया पर वायरल होती है. इस बार सेना के करीब 120 रिटायर्ड अधिकारियों ने इस पर गंभीर चिंता जाहिर की है. क्या है कथित मुस्लिम रेजिमेंट का मामला और सेना के अधिकारियों ने क्या कहा है. आइए बताते हैं

भारतीय सेना से रिटायर हुए कई बड़े अधिकारियों ने इस बारे में राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है. इनमें नेवी के रिटायर्ड चीफ एल. रामदास सहित सेना के 24 टू स्टार और थ्री स्टार अधिकारी भी हैं. सोशल मीडिया पर फैली मुस्लिम रेजिमेंट की फेक न्यूज़ में दावा किया जाता है कि 1965 तक सेना में एक मुस्लिम ब्रिगेड थी, जिसने पाकिस्तान से युद्ध करने से मना कर दिया था.


सेना के रिटायर्ड अधिकारियों ने लिखा है कि ऐसी फेक न्यूज़ से सेना का मनोबल गिरता है, और माहौल खराब होता है. चिट्ठी में टाइम्स ऑफ इंडिया में लेफ्टिनेंट जनरल एस.ए. हसनैन के लिखे एक ब्लॉग का हवाला भी दिया गया है, जिसमें कहा गया था कि इस तरह के झूठ को फैलाने के पीछे पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई का हाथ भी हो सकता है.

अधिकारीयों ने राष्ट्रपति की चिट्ठी लिखते हुए कहा सोशल मीडिया पर फैली मुस्लिम रेजिमेंट की फेक न्यूज़ में दावा किया जाता है कि 1965 तक सेना में एक मुस्लिम ब्रिगेड थी, जिसने पाकिस्तान से युद्ध करने से मना कर दिया था.

सेना के रिटायर्ड अधिकारियों ने लिखा है कि ऐसी फेक न्यूज़ से सेना का मनोबल गिरता है, और माहौल खराब होता है. चिट्ठी में  जनरल एस.ए. हसनैन के लिखे एक ब्लॉग का हवाला भी दिया गया है, जिसमें कहा गया था कि इस तरह के झूठ को फैलाने के पीछे पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई का हाथ भी हो सकता है.