कहीं आप भी शुगर फ्री का प्रयाग तो नहीं कर रहे, अगर ले रहे तो हो जाइए सावधान, घातक मिठास की हकीकत जान कर हो जाएंगे परेशान

पटना- आप शुगर के मरीज हैं और शुगर फ्री का इस्तेमाल करते हैं तो हो जाइए सावधान. शुगर के विकल्प के रूप में जिस रासायनिक मिठास ‘शुगर फ्री’ का उपयोग हम धड़ल्ले से करते हैं उनसे स्वास्थ्य पर घातक असर पड़ने की बात कही जा रही है. कृत्रिम रूप से खाद्य पदार्थों को मीठा करने वाले एस्पार्टेम को कैंसर कारक के रूप में वर्गीकृत तो किया गया है, लेकिन इसके सेवन को लेकर निर्णायक चेतावनी जारी नहीं किये जाने पर सवाल उठ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के पोषण और खाद्य सुरक्षा विभाग के तहत दो समूहों में हजारों वैज्ञानिकों के शोध अध्ययन सामने के बाद कृत्रिम मीठे को कैंसर के कारकों के रूप में क्लासीफाइड किया गया था.

दुनिया की बड़ी कंपनियां कृत्रिम मीठे से बने उत्पादों का खरबों रुपये का धंधा करती हैं.  कृत्रिम मिठास को कैंसर कारक वर्ग में शामिल करने के बावजूद इस बारे में कोई दिशा-निर्देश नहीं आए.चिकित्सकों का कहना है कि  शुगर फ्री से कैंसर की आशंका को लेकर स्पष्ट चेतावनी देनी चाहिए. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने  कहा है कि लोग एस्पार्टेम वाले शुगर फ्री और डाइट खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें.

 चीनी से दो सौ गुना अधिक मीठे और कम कैलोरी खपत वाले पदार्थ से शुगर के घातक प्रभावों से बचा जा सकता है.इसको  नामी कंपनियों के शीतल पेय पदार्थों के अलावा च्यूइंग गम और टूथपेस्ट आदि हजारों खाद्य पदार्थों में मिलाया जाता है.  

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हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन के पोषण और खाद्य सुरक्षा विभाग की पहल के बाद इन पदार्थों के सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ने की आशंकाओं को सामने लाया गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन की कैंसर विशेषज्ञों की समिति अंतर्राष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान संस्था के इसे संभावित कैंसर कारकों की सूची में वर्गीकृत करने के बाद उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ी है. पक्षधर बताते हैं कि वजन के हिसाब से इसका उपयोग सुरक्षित होता है. चिंता इस बात की भी है कि बच्चों में बचपन से अधिक मीठा लेने की आदत बन सकती है. वह भी तब जब वैज्ञानिक निष्कर्ष बताते हैं कि कृत्रिम मिठास वजन कम करने में मददगार नहीं है.

 ऐसे में चिकित्सक सलाह देते हैं कि चाहे प्राकृतिक शुगर हो या कृत्रिम मिठास, दोनों के अधिक उपयोग से परहेज करना चाहिए, विकासशील देश, जहां बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने उत्पाद खपाने को आतुर रहती हैं.