GAYA: गया की धार्मिक महत्व के बाद गया को रमना का तिलकुट नाम से भी जाना जाता है। शहर के बीचो-बीच रमना बाजार का तिलकुट खास्ता ऐसी होती है कि मुंह में रखते ही गल जाता है। तिलकुट चीनी या गुड़ और तिल से बनने वाली यह तिलकुट आयुर्वेदिक दवा का भी काम करता है।
जाड़े के मौसम में तिलकुट खाने से शरीर में गर्मी आती है। साथ ही कई रोगों से बचाता है लंबी प्रक्रिया के बाद तिलकुट बनता है चीनी या गुड़ की चाशनी बनाई जाती है इसके बाद सॉफ या इलायची डालकर फेटा जाता है। इसके बाद तिल मिलाकर कुटा जाता है। फिर पैकेजिंग कर बेचा जाता है।
यह तिलकुट एक महीना तक खराब नहीं होता। लोग इसे देश के दूर दराज शहरों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के पास भी भेजते हैं। तिलकुट ना भेजने पर रिश्तेदार नाराज हो जाते हैं। यहां तक की अपने अधिकारियों को खुश रखने के लिए लोग तोहफे के रूप में तिलकुट भेजते हैं।
विदेश में रहने वाले एनआरआई भी जाड़े में खासकर तिलकुट भारत से मंगाते हैं। कूरियर ऑनलाइन या पोस्ट ऑफिस से भी तिलकुट लोग भेजते हैं। धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी को तिलकुट दही चूड़ा खाने से ग्रह ठीक होता ही है साथ में शरीर निरोग भी होता है। मालूम हो कि इस बार मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। जिसको लेकर तैयारियां तेज है।