दिल्ली- संसद के मानसून सत्र के बाद विशेष संसद सत्र 18-22 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा.लोकसभा एवं राज्यसभा सचिवालय ने यह जानकारी दी. विशेष सत्र के दौरान प्रश्नकाल या फिर निजी सदस्यों के कामकाज जैसी कार्यवाही नहीं होगी. सचिवालय के अनुसार, सत्र के दौरान पांच बैठकें होंगी.
सत्र आमतौर पर पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर एक बजे और फिर अपराह्न दो बजे से शाम छह बजे तक चलेगा. सचिवालय सूत्रों के अनुसार विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों में प्रश्नकाल और गैर सरकारी कामकाज नहीं होगा. बता दें गुरुवार को संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में कहा था कि संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र) 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है. सरकार ने हालांकि संसद के विशेष सत्र का एजेंडा घोषित नहीं किया.
संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है . हालांकि यह सत्र 9 और 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधनी में जी20 शिखर बैठक के कुछ दिनों बाद आयोजित होने जा रहा है. मोदी सरकार के अब तक के नौ वर्षों के कार्यकाल में पहली बार ऐसा संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है. इससे पहले हालांकि जीएसटी के लागू होने के अवसर पर जून 2017 की मध्यरात्रि को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक बुलायी गयी थी.
लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय ने शनिवार को बुलेटिन जारी किया. लोकसभा सचिवालय ने कहा कि 17वीं लोकसभा का 13वां संसद सत्र सोमवार 18 सितंबर 2023 को शुरू होगा. वहीं, राज्यसभा सचिवालय ने बताया कि राज्यसभा का 261वां सत्र भी सोमवार 18 सितंबर से ही शुरू होगा. दोनों सदनों का यह सत्र प्रश्नकाल या निजी सदस्यों के कामकाज के बिना आयोजित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सदस्यों को अंतिम कैलेंडर के बारे में अलग से सूचित किया जाएगा.
विशेष सत्र के दौरान संसदीय कामकाज नये संसद भवन में स्थानांतरित हो सकता है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई को किया था. आमतौर पर संसद के तीन सत्र होते हैं. इसमें बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र शामिल हैं. विशेष परिस्थितियों में संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने का प्रवधान है. संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त को संपन्न हुआ था. हाल में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और अमृत काल के दौरान भारत के लक्ष्य भी विशेष सत्र में चर्चा का हिस्सा हो सकते हैं.