डेस्क...खबर श्रीलंका से है जहां राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर बुर्के पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है. एक हजार से ज्यादा मदरसों व इस्लामिक स्कूलों को भी बंद किया जाएगा. श्रीलंका के जनसुरक्षा मंत्री शरथ वीरासेकरा ने बढ़ते कट्टरपंथ की निशानी बताते हुए इस फैसले की जरूरत बताई है.मंत्री वीरासेकरा ने बताया, कैबिनेट की सहमति के लिए उन्होंने विधेयक पर दस्तखत किए हैं. विधेयक में राष्ट्रीय सुरक्षा को आधार बनाते हुए मुस्लिम महिलाओं के पूरे चेहरे को ढंकने पर रोक लगाने की मंजूरी मांगी गई है. कैबिनेट की मुहर के बाद संसद कानून बना सकती है.
वीरासेकरा ने कहा, शुरुआती दौर में देश में मुस्लिम लड़कियों व महिलाओं ने कभी बुर्का नहीं पहना बीते सालों में इसका चलन तेजी से बढ़ा है. इसकी बड़ी वजह बढ़ता धार्मिक कट्टरपंथ है. लिहाजा, इस पर रोक लाजिमी है. गौरतलब है कि कई देश बीते दिनों बुर्के पर प्रतिबंध लगा चुके हैं. हाल ही में, स्विट्जरलैंड ने भी जनमत संग्रह कर बुर्का पहनने पर रोक लगाई थी. मंत्री वीरासेकरा के मुताबिक, जिन एक हजार मदरसों व इस्लामिक स्कूलों पर रोक का प्रस्ताव है, वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मखौल उड़ा रहे हैं. किसी को कुछ भी पढ़ाने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
बौद्ध बहुल श्रीलंका में 2019 में चर्च व होटलों पर हमले के बाद भी बुर्का पहनने पर अस्थायी पाबंदी लगी थी. बीते साल कोरोना में जान गंवाने वाले मुस्लिमों को सरकार ने दफनाने के बजाय जलाने का आदेश दिया था. हालांकि, बाद में पाबंदी हटा ली थी. श्रीलंका के मुस्लमान त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहें है.