बिहार पुलिस का अजीबोगरीब कारनामा, अवैध बालू खनन मामले में अभियुक्तों को गिरफ्तार करने पहुंची टीम, चार में तीन की पहले ही हो चुकी है मौत

बिहार पुलिस का अजीबोगरीब कारनामा, अवैध बालू खनन मामले में अभियुक्तों को गिरफ्तार करने पहुंची टीम, चार में तीन की पहले ही हो चुकी है मौत

BHAGALPUR: बिहार में पुलिस के नए नए कारनामे तो आपने जरूर सुने होंगे। लेकिन अब यहां खनन विभाग का नया कारनामा सामने आया है। और पुलिस ने बगैर जांच के एफआईआर भी कर दी है। दरअसल, अवैध बालू खनन में विभाग ने तीन ऐसे लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिनकी मौत काफी पहले हो चुकी है। इनमें एक महिला और दो पुरुष शामिल है। हैरानी वाली बात यह कि अब पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए ढूंढ रही है। इसके अलावा एक अन्य पर भी केस दर्ज किया गया है। 

बता दें कि, यह मामला गोपालपुर के तिनटंगा जहाज घाट का है। खनन विभाग की टीम सात अगस्त को सफेद बालू के अवैध खनन की जांच के लिए पहुंची थी। जांच में बालू का अवैध भंडार करने वाले चार लोगों के नाम सामने आए। इनमें हवीराजी कुमारी, श्रीकांत पांडे, कामेश्वर पांडे और विपिन बिहारी के नाम शामिल हैं। हवी राजी कुमारी की मौत 1975 में, श्रीकांत पांडे की मौत 1977 में और कामेश्वर पांडे की 2020 में हो चुकी है। सिर्फ विपिन बिहारी ही जीवित है। खनन विभाग के निरीक्षक मनि महेश सिंह के लिखित आवेदन पर गोपालपुर थाने में चारों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। बताया जाता है कि बालू माफियाओं ने ही जांच रिपोर्ट देने से पहले मृत लोगों के नाम जुड़वा दिए ताकि पुलिस और विभाग मृत लोगों को ढूंढते रहे और वह लोग बच जाएं।

वहीं मृतक कामेश्वर के भाई उमेश पांडे ने कहा कि मेरे भाई की हत्या 6 मार्च 2020 को भागलपुर में कर दी गई। जिसका केस अभी भी कोर्ट में चल रहा है। इसके बाबजूद खनन विभाग और सीओ द्वारा गलत रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज किया गया जो गलत है। आईपीसी की धारा भी गलत लगाई गई है। पूर्व मुखिया गिरिधारी पासवान ने कहा कि वो बहुत दिन पहले मर चुके है, बालू खनन में जो केस हुआ है ये बिल्कुल गलत हुआ है। बालू का खनन कोई और करता है और नाम किसी और का दे दिया है।

मामले को लेकर गांव के ही एक व्यक्ति चिरंजीवी राय ने कहा कि चार में से तीन का जो नाम है वो पूरी तरह से अवैध है। यह प्रशासन के मिलीभगत से इन लोगो का नाम दिया गया है। जिससे केस किसी तरह से फॉल्स हो जाए। खनन विभाग को जो रिपोर्ट दिया गया है वो सरासर ग़लत रिपोर्ट दिया है। जो अवैध रूप से बालू खनन कर रहा था उनको वंचित रखने के लिए इनलोग को फंसाया गया है। कामेश्वर पांडे, श्रीकांत पांडे और एक महिला का नाम दिया गया है जिनकी मृत्यु हो चुकी है। मुखिया नगीना पासवान ने कहा कि मामले की जानकारी मुझे है इन सभी की मृत्यु हो चुकी है। जिनमे श्रीकांत पांडे इनकी मृत्यु 30 वर्ष पूर्व हो चुकी है। कामेश्वर पांडे इनकी मृत्यु 3 वर्ष पूर्व हो चुकी है। और एक महिला का नाम है उनकी भी मृत्यु हो चुकी हैं। ये बिल्कुल गलत हुआ है। प्रशासन से कहेंगे की सही तरीके से जांच किया जाए।

वहीं डीएसपी सुनील कुमार पांडे ने कहा कि खनन विभाग के द्वारा एक आवेदन प्राप्त हुआ। मुनि महेश सिंह जो खनन निरीक्षक है वो इसके वादी है। जिसके बाद एफआईआर दर्ज हुआ है। पुलिस का काम है जब भी कोई आवेदन प्राप्त होता है तो उसके संबंध में हमलोग एफआईआर दर्ज करते है। एफआईआर दर्ज करने के बाद जांच करते है, अनुसंधान करते है। फिर हमलोग किसी निष्कर्ष पर पहुंचते है। चार लोग नामजद है चारों लोगों के नाम का सत्यापन किया जाएगा। अगर वें मृत है तो मृत दिखाते हुए चार्टशीट करेंगे। अनुसंधान पर पता चलेगा की कौन जीवित है और मृत। इसमें गलती किसकी है ये अनुसंधान में पता चल जायेगा।

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