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कटघरे में प्रत्यय अमृत ! CM नीतीश के विधायक ही खुलकर मैदान में उतरे, RCD प्रधान सचिव को जांच से अलग रखने की मांग, मुख्यमंत्री को जानकारी देंगे जेडीयू MLA

कटघरे में प्रत्यय अमृत ! CM नीतीश के विधायक ही खुलकर मैदान में उतरे, RCD प्रधान सचिव को जांच से अलग रखने की मांग, मुख्यमंत्री को जानकारी देंगे जेडीयू MLA

PATNA : खगड़िया -सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहे पुल के गिरने को लेकर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है। ऐसे में अब खगड़िया के परबत्ता से जदयू विधायक डा. संजीव कुमार ने सीधे-सीधे पूरे सिस्टम पर सवाल उठा दिया है। उन्होंने कहा कि इस हादसे के लिए कोई एक जिम्मेदार नहीं है, बल्कि पुल निर्माण निगम जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने अपना काम सही तरीके से नहीं किया। इतना नहीं सीएम नीतीश के विधायक ने पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव को भी कटघरे में खड़ा किया है. 

परबत्ता विधायक ने कहा पुल के स्ट्रक्चर को लेकर हमने पहले भी अंदेशा जाहिर किया था। तेजस्वी यादव से मिलकर हमने बात कही थी तेजस्वी यादव ne आश्वासन दिया था  सदन में मामले को उठाया था। पहले से ही पुल टूटा था जिसकी जाँच कराई जा रही थी लेकिन जाँच रिपोर्ट नहीं आई है। वही प्रधान सचिव ने इस मामले को सीरियस नहीं लिया है।  उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग किया है कि प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को जांच टीम से अलग रखें. 

संवेदक-पदाधिकारी को जेल भेंजे

जेडीयू विधायक डा. संजीव कुमार ने इस हादसे के लिए सीधे-सीधे संवेदक और पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। परबत्ता विधायक ने बताया मैं खुद मुख्य सचिव और पुल का निर्माण करा रहे कार्यपालक अभियंता से मिल कर जर्जर पीलर के बारे में जानकारी दी थी, उस समय उन्होंने उसे  तोड़ने की बात की थी, लेकिन उसके बाद भी पीलर को नहीं तोड़ा गया। इत्तफाक से मेरा अंदेशा साबित हुआ, जिस पीलर को लेकर मैंने अंदेशा जाहिर किया था, वहीं पीलर गिर गया। उन्होंने कहा कि यहां दिक्कत यह  है कि कुछ आईएएस खुद को बहुत बड़ा एक्सपर्ट समझ लेते हैं। स्वास्थ्य विभाग में जाएंगे तो डॉक्टर बन जाएंगे, ट्रांसफर होकर निर्माण वाले विभाग में जाएंगे तो इंजीनियर बन जाएंगे। उन्हें लगता है कि वह सबकुछ जानते हैं।

15 दिन में जांच कराने की मांग

डा. संजीव ने कहा कि पिछले साल हुए हादसे को लेकर अभी तक जांच पूरी नहीं हुई है।साफ है इस मामले जो लोग दोषी थे, उन्हें बचाने के लिए विभाग के अधिकारी लगातार मामले को दबाकर रखना चाहते हैं। अब अगर पुल गिरने की जांच शुरू होती है, तो मेरी मांग है कि इस 15 दिन में पूरा किया जाए और जो भी दोषी हों उन्हें सख्त सजा दिलाई जाए।  उन्होंने कहा कि अगर जांच में किसी को बचाने का प्रयास भी किया गया तो मैं भरोसा दिलाता हूं कि मैं उसके खिलाफ कोर्ट में पीआईएल दाखिल करूंगा। 

कंपनी पर साधा निशाना

पुल की गंगा में जल समाधि को लेकर डा. संजीव ने निर्माण कर रही एसके सिंघला कंपनी को भी जिम्मेदार बताते हुए कहा कि पुल बनाने के दौरान दो दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन किसी को आज तक मुआवजा नहीं दिया गया। पुलिस के साथ मिलकर कंपनी ने सारा मामला रफादफा कर दिया।

अधिकारी और संवेदक दोषी है 

अगर जाँच ठीक नहीं हुई और किसी को बचाने की कोशिश हुई तो  पीआरआईएल दाखिल की जाएगी। डा. संजीव कुमार ने कहा जो लोग नीतीश कुमार इस हादसे को लेकर नीतीश कुमार पर करप्शन का आरोप लगा रहे हैं, उन्हें मैं बता दूं कि नीतीश कुमार इस देश के सबसे इमानदार मुख्यमंत्री हैं, हां, कुछ अधिकारियों के कारण उनकी साफ छवि पर करप्शन के धब्बे जरुर लगे हैं। उन्होंने कहा कि अगर जरुरत पड़ी तो मैं खुद सारी बातों को सीएम के सामने रखने के लिए जाउंगा।

डिप्टी सीएम का भी किया बचाव

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का बचाव करते हुए डा. संजीव कुमार ने कहा कि उन्हें बेवजह निशाना बनाया जा रहा है। वह मंत्री हैं, सदन में वह जिन सवालों का जवाब देते हैं, वह उनके विभाग के सचिव द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। इसलिए जिम्मेदार विभाग के अधिकारी हैं। बता दें कि आज मुख्यमंत्री ने हादसे को लेकर साफ कहा कि जो हुआ वह सही नहीं था। मैंने तेजस्वी को कहा है कि विभागीय स्तर पर इस पूरे मामले की जांच कराएं और जो अधिकारी इसके लिए दोषी हों उनके खिलाफ जांच कराएं



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