सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ.बिन्देश्वर पाठक की 80 साल की उम्र में हुआ निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

N4N DESK : एक ओर देश जहाँ देश की आज़ादी का 76 वां वर्षगांठ मना रहा है। वहीँ इस जश्न के माहौल के बीच एक दु:खद खबर है। दरअसल आज सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. बिंदेश्वर पाठक का निधन हो गया है। 

बताया जा रहा है की सुलभ इंटरनेशनल के ऑफिस में झंडोत्तोलन कार्यक्रम के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। आनन फानन में उन्हें दिल्ली के एम्स भर्ती करवाया गया था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। 

दिवंगत बिंदेश्वर पाठक की पहचान बड़े भारतीय समाज सुधारकों में की जाती है। उन्होंने साल 1970 में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की थी। जो मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करती है। उनके अग्रणी काम, विशेष रूप से स्वच्छता और स्वच्छता के क्षेत्र में, उन्हें विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं।उन्हें उनके सामाजिक कार्यों की पहचान के लिए 1991 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण दिया गया था। वह एनर्जी ग्लोब अवार्ड, बेस्ट प्रैक्टिस के लिए दुबई इंटरनेशनल अवार्ड और पर्यावरण के लिए इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी अवार्ड के प्राप्तकर्ता भी हैं। 2009 में, उन्हें स्टॉकहोम वॉटर प्राइज़ से सम्मानित किया गया।

बता दें बिंदेश्वर पाठक का जन्म 2 अप्रैल, 1943 को बिहार के वैशाली जिले के रामपुर बघेल गाँव में एक पारंपरिक उच्च वर्गीय ब्राह्मण परिवार में, राम कान्त पाठक के यहाँ हुआ था। उन्होंने 1964 में समाजशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।उन्होंने 1980 में अपनी मास्टर डिग्री और 1985 में पटना विश्वविद्यालय से अपनी पीएचडी की उपाधि “लो कॉस्ट सैनिटेशन के माध्यम से मैला ढोने वालों की मुक्ति” पर की। बिंदेश्वर पाठक ने 1965 में अमला से शादी की। इस दंपति के तीन बच्चे हैं।