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कमीशनखोरी का अड्डा बना चुका है सुल्तानगंज रेफरल अस्पताल, ऑडियो वायरल होने के बाद धमकीबाजी पर उतरीं प्रभारी

कमीशनखोरी का अड्डा बना चुका है सुल्तानगंज रेफरल अस्पताल, ऑडियो वायरल होने के बाद धमकीबाजी पर उतरीं प्रभारी

BHAGALPUR : भागलपुर सुल्तानगंज के रेफरल अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ उषा कुमारी लगातार सुर्खियों में बनी रहती है । उसका एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रही है। जिसमें कमीशन खोरी का पैसा का लेन देन का मामला साफ सुनाई दे रहा है। इसका ऑडियो क्लिप का पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

 वहीं इस मामले में डॉक्टर उषा कुमारी फोन पर बातचीत कर रहे बोलेरो गाड़ी के ऑनर कुमार सागर ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत रेफरल अस्पताल में बोलेरो गाड़ी का संचालन 3 साल से कर रहे हैं । प्रत्येक महीना 30 हजार रुपया रेफरल अस्पताल के द्वारा दिया जाता था। जिसके लिए हर गाड़ी से कमीशन की राशि बंधी हुई थी। वायरल ऑडियो में उसी कमीशन की राशि को लेकर बातचीत हो रही है।

एक गाड़ी पर आठ हजार रुपए लेते हैं कमीशन

 जिसमें रेफरल अस्पताल प्रभारी डॉ उषा कुमारी एवं स्वास्थ्य प्रबंधक चंदन कुमार लेखापाल सुजीत झा को कमीशन के तौर पर ₹6 हजार रुपया प्रतिमाह देते थे और  ₹2 हजार रुपया गुप्त में स्वास्थ्य प्रबंधक चंदन कुमार अलग से लेते थे। टोटल ₹8 हजार प्रति माह एक बोलेरो गाड़ी से लिया जाता है। जिसमें राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में दो बोलेरो चलता है और दोनों से 8-8 हजार रुपया प्रतिमाह लिया जाता है । वही दूसरी गाड़ी राकेश कुमार का 6 साल से चल रहा है। इसके अलावा कई ऐसे अस्पताल के फंड का पैसा मेरे अकाउंट पर मंगवा कर स्वास्थ्य प्रबंधक चंदन कुमार कैश लिया करता था। जब इस बातों को लेकर विरोध किया करते थे तब हमको फंसाने तथा हटाने का धमकी दिया जाता था। जिसका खामिया इस ऑडियो क्लिप में  सुनाई दे रहा है। कुमार सागर ने बताया कि जब इसका विरोध किया तो हमारी गाड़ी को स्वास्थ्य विभाग से बिना सूचना दिए हटाने की धमकी दी जा रही है।

मैनेजर को अलग से पैसा देने पर थी आपत्ति

वायरल ऑडियो में सुना जा सकता है कि कुमार सागर और रेफरल अस्पताल प्रभारी के बीच मैनेजर को अलग से पैसा देने के लेकर विवाद हुआ। प्रभारी को यह बात पसंद नहीं थी कि मैनेजर को अलग से पैसे दिए जाएं। इसी को लेकर वह फोन पर आरबीएसके के गाड़ी संचालक पर अपना गुस्सा उतार रही थी। अब यह पूरा ऑडियो वायरल हो गया है और ऑडियो से यह स्पष्ट होता है कि कैसे जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था में योजनाओं के संचालन में पैसों की कमीशनखोरी की जा रही है।  


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