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सुप्रीमो की 'लुटिया' डूबोने में जुटे प्रवक्ता, सलाह मानने पर बार-बार नेताजी को मारनी पड़ती है पलटी

सुप्रीमो की 'लुटिया' डूबोने में जुटे प्रवक्ता, सलाह मानने  पर बार-बार नेताजी को मारनी पड़ती है पलटी

PATNA: बिहर की एक क्षेत्रीय पार्टी के सुप्रीमो को उनके हीं प्रवक्ता लुटिया डूबोने में लगे हैं।प्रवक्ता महोदय के निर्देशन में चलने वाले सुप्रीमो को अब तक कई बार ठोकर भी लगी लेकिन वे संभलने का नाम नहीं लेते। परिणाम यह हुआ है कि प्रवक्ता महोदय की सलाह पर कदम बढ़ाने वाले सुप्रीमो को बार-बार पलटी मारनी पड़ती है।अब बिहार के लोग सुप्रीमो को यू-टर्न मास्टर मानने लगे हैं। जानकार बताते हैं कि बिहार के लोग अब अध्यक्ष महोदय की बात को कोई तवज्जो नहीं देते। क्यों कि सुबह में कुछ और ऐलान करते हैं और शाम होते हीं पलटी मार देते हैं। अभी दो दिन पहले हीं सुप्रीमो के स्टैंड से इस बात की पुष्टि भी हो गई है।

प्रदेश अध्यक्ष-प्रवक्ता विवाद चर्चा में रहा था

प्रवक्ता की सलाह पर चलने वाले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुछ समय पहले तक बड़ी हैसियत थी। लेकिन धीरे-धीरे सबकुछ खत्म हो गया। पावर तो कब का चला गया था, अब तो फेस भी नहीं रहा। सुप्रीमो के आसपास कोई बड़ा चेहरा भी नहीं बचा है। बड़े चेहरे के तौर पर एक प्रदेश अध्यक्ष थे लेकिन प्रवक्ता महोदय के आतंक की वजह से वह भी किनारा हो लिए।कहने को तो सुप्रीमो ने बिहार वाले अध्यक्ष और देश वाले प्रवक्ता दोनों को अलग किया था। लेकिन सुप्रीमो की मजबूरी ऐसी थी कि वे अधिक दिनों तक सलाहकार सह प्रवक्ता को अलग नहीं रख सके और दूबारा वापस ले लिए। 

दरअसल प्रवक्ता महोदय की चलती ऐसी है कि वे सुप्रीमो के अगल-बगल किसी को फटकने भी नहीं देते। लिहाजा वजूद वाले नेता एक-एक कर अलग हो लिए।अब उनके पास दूसरे दर्जे के हीं नेता रह गए हैं या फिर जिन्हें दूसरी पार्टी में कोई पूछ नहीं वे हीं बचे हैं।

नया समीकरण सेट करने की योजना की भी निकली हवा

बात बहुत पुरानी नहीं बल्कि दो दिन पहले की है।प्रवक्ता महोदय ने बिहार के बाहर वाले नेता जी से हाथ मिलाने का प्लान सेट किय़ा।सुप्रीमो को इसके लिए तैयार किया।उनके दिमाग में यह बात सेट कर दिया कि मीडिया में यह बयान दें कि बिहार में एक नया समीकरण बनने वाला है।इससे सहयोगी पार्टी के नेता आपको भाव देंगे। बस क्या था ....सुप्रीमो ने सलाह मान ली इसके बाद मीडिया में खबर प्लांट करा दिया गया ।मीडिया वाले भागे-भागे सुप्रीमो के पास पहुंच गए।मीडिया का कैमरा देख उन्होंने भी जमकर बोला और कहा कि अब बिहार में नया समीकरण जन्म ले लिया है। लेकिन सुप्रीमो अपने इस ऐलान पर बमुश्किल से 12 घंटे हीं अडिग रहे।प्रवक्ता की सलाह पर चलने वाले सुप्रीमो ने अगली सुबह एक बार फिर से पलटी मारी और कहा वे बिहार के उक्त जिले में नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य जायेंगे। बताया जाता है कि नए समीकरण सेट करने के प्लान से लेने के देने पड़ गए।सूत्रों की मानें तो बड़े दल के नेता ने आंखें तरेरी इसके बाद सुप्रीमो ने पलटी मार दी।

उप चुनाव में भी पिटवा चुके हैं भद्द

बात बहुत पुरानी नहीं है कुछ समय पहले हीं प्रवक्ता महोदय की सलाह पर सुप्रीमो पड़ोसी राज्य में भी अपनी पार्टी को चमकाने का प्लान किया था.मैदान में प्रत्याशी भी उतार दिए लेकिन वह मिशन भी फेल कर गया । सलाहकार सह प्रवक्ता की बात मान सुप्रीमो ने कई महीनों पहले बिहार में अपनी सबसे बड़ी सहयोगी को नाराज कर दिया था और चुनाव में सहयोगी के खिलाफ उम्मीदवार भी उतार दिया था। सिर्फ प्रत्याशी नहीं उतारा बल्कि साथ वाले सबसे बड़े दल को चैलेंज भी दे दिया था। इतना हीं नहीं साथ छोड़ने का भी ऐलान भी कर दिया था। लेकिन उप चुनाव में हालात ऐसी पतली हो गई थी कि परिणाम के बाद सुप्रीमो उस पर चर्चा करने से भी कतराने लगे थे।

प्रवक्ता की तगड़ी है सेटिंग

उप चुनाव में हैसियत का पता चलने के बाद सबसे बड़े दल के राजकुमार ने तो यहां तक कह दिया था कि सब लोगों ने उपचुनाव में अपनी ताकत नाप ली है।2020 के चुनाव में किसी के दबाव में नहीं आकर जिताऊ उम्मीदवार को मैदान में उतारा जाएगा।इसके पहले भी प्रवक्ता की सलाह पर चलने वाले सुप्रीमो को कई अवसरों पर पीछे हटना पड़ा है।जिस वजह से धवि को धक्का भी लगा है।बावजूद इसके प्रवक्ता की सेटिंग ऐसी तगड़ी है कि सुप्रीमो चाह कर भी पीछा नहीं छुड़ा पा रहे।

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