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सुशील मोदी ने ललन-शरद-शिवानंद के बारे में किया खुलासा, कहा- इनके ज्ञापन पर ही CBI कर रही कार्रवाई

सुशील मोदी ने ललन-शरद-शिवानंद के बारे में किया खुलासा, कहा- इनके ज्ञापन पर ही CBI कर रही कार्रवाई

PATNA : राजद सुप्रीमो के 17 ठिकानों पर हुई सीबीआई छापेमारी के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से एक दुसरे पर निशाना साधा जा रहा है। राजद की ओर से इसे साजिश बताया गया है। वहीँ बीजेपी सांसद और बिहार सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इसके लिए शिवानंद तिवारी, ललन सिंह और शरद यादव को जिम्मेवार बताया है।

उन्होंने कहा की इन तीनों के ज्ञापन पर ही सीबीआई कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा की सीबीआई की एफआईआर में अभियुक्त पिंटू कुमार जिसे ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले में पश्चिमी रेलवे, मुंबई में 2008 में नौकरी मिली थी के पिता विष्णु देव राय और उसके भाई ब्रजनंदन राय ने सीवान के ललन चौधरी और गोपालगंज के हृदयानंद चौधरी को पटना की कीमती जमीन रजिस्ट्री कर दी। उन्होंने कहा की क्या संयोग है कि ललन और हृदयानंद दोनों को एक ही दिन यानी 29 मार्च, 2008 को जमीन रजिस्ट्री की गई। यह भी संयोग है कि ललन को भी 7.76 डिसमिल एवं हृदयानंद को भी 7.76 डिसमिल जमीन रजिस्ट्री की गई। यह भी संयोग है कि जमीन रजिस्ट्री के एवज में ललन ने भी 4.21 लाख और हृदयानंद ने भी 4.21 लाख नगद भुगतान किया। यह भी संयोग है कि ललन चौधरी ने जिस दिन नगद 6 लाख 28 हजार की स्टाम्प ड्यूटी के रूप में स्टेट बैंक मुख्य शाखा, पटना में भुगतान किया। उसी दिन हृदयानंद चौधरी ने भी 6 लाख 28 हजार नगद स्टाम्प ड्यूटी उसी स्टेट बैंक में जमा कर दिया। गरीब ललन ने 13 फ़रवरी, 2014 को 60 लाख बाजार मूल्य की अपनी जमीन हेमा यादव को दान कर दिया। यह भी संयोग है कि हृदयानंद ने भी उसी दिन यानि 13 फ़रवरी 2014 को ही 60 लाख मूल्य की पटना की कीमती जमीन हेमा यादव को दान कर दिया। यह भी संयोग है कि ललन चौधरी के दान पत्र पर हृदयानंद गवाह है और हृदयानंद के दान पत्र पर ललन चौधरी गवाह है। यह भी संयोग है कि ललन चौधरी विधान परिषद का चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी है जो पहले लालू जी के खटाल में गायों को चारा खिलाता था और हृदयानंद रेलवे में खलासी है। इस प्रकार पिंटू कुमार को नौकरी के एवज में उनके परिवार से गरीब ललन और हृदयानंद के नाम जमीन लिखवा लिया और कुछ वर्षों बाद उन दोनों से लालू परिवार को गिफ्ट करवा लिया। 

सुशील कुमार मोदी ने कहा की शिवानंद तिवारी, ललन सिंह  एवं शरद यादव ने 22 अगस्त, 2008  को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सीबीआई जांच के लिए जो ज्ञापन दिया था, उसी पर सीबीआई ने कार्रवाई की है। लालू जी भूल गए कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और अपराध कभी मरता नहीं है।

धीरज कुमार की रिपोर्ट 

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