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तारिक अनवर ने 26 साल की उम्र में लड़ा था लोकसभा का पहला चुनाव, 29 साल में बने थे सांसद

तारिक अनवर ने 26 साल की उम्र में लड़ा था लोकसभा का पहला चुनाव, 29 साल में बने थे सांसद

PATNA :   तारिक अनवर छात्र राजनीति के जरिये संसदीय राजनीति में दाखिल हुए थे। वे पहले कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआइ से जुड़े फिर यूथ कांग्रेस के नेता बने। कांग्रेस ने उन्हें बहुत कम उम्र में ही चुनाव लड़ने का मौका दिया था। बाद में वे कांग्रेस से अलग हो कर शरद पवार के साथ हो लिये। अब शरद पवार का भी साथ छोड़ दिया। दल चाहे कोई भी हो लेकिन उनकी राजनीति का केन्द्र कटिहार ही रहा।

 26 साल की उम्र में लड़ा लोकसभा का पहला चुनाव

तारिक अनवर पटना के रहने वाले हैं। उनके दादा शाह जुबैर बैरिस्टर थे और गांधीजी के करीबी थे। उनके पिता भी राजनीति में थे। राजनीति उन्हें विरासत में मिली है। तारिक अनवर ने पटना के कॉमर्स कॉलेज से पढ़ाई की है। पढ़ाई के दौरान वे कांग्रेस की छात्र राजनीति से जुड़े। 1977 में कांग्रेस के खिलाफ लहर चल रही थी। जेपी की बनायी जनता पार्टी का बोलाबाला था। इस मुश्किल वक्त में इंदिरा गांधी ने तारिक अनवर को कटिहार से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दे दिया। पहला चुनाव उन्होंने शाह मोहम्मद तारिक अनवर के नाम से लड़ा था। उस समय तारिक अनवर की उम्र केवल 26 साल ही थी। इस चुनाव में जेपी का जलवा था । कटिहार में तारिक अनवर को जनता पार्टी के युवराज ने करारी मात दी।

 29 साल में बने थे सांसद

पहला लोकसभा चुनाव हारने के बाद तारिक अनवर ने तय किया अब के कटिहार को ही अपनी राजनीतिक कर्मभूमि बनाएंगे। हारने के बाद भी वे कटिहार में सक्रिय रहे। तीन साल बाद ही जनता पार्टी की सरकार गिर गयी। 1980 में लोकसभा का चुनाव हुआ तो कांग्रेस ने फिर तारिक अनवर को कटिहार से उम्मीदवार बनाया। इस बार उन्होंने 1977 की हार का बदला ले लिया। उन्होंने सीटिंग एमपी युवराज को हरा दिया। केवल 29 साल की उम्र में वे सांसद बन गये। इसके बाद वे यूथ कांग्रेस के बड़े नेता के रूप में स्थापित हो गये। फिर तो तारिक अनवर कटिहार के ही होकर रह गये। वे पांच बार यहां से सांसद बने।

कटिहार से सांसद बनने वाले पटना के दूसरे नेता थे तारिक अनवर

तारिक अनवर से पहले भी पटना के रहने वाले एक और नेता कटिहार से सांसद बने थे। बाद में वे भी कांग्रेस के दिग्गज नेता बने। दानापुर, पटना के रहने वाले सीताराम केसरी 1967 में कटिहार से ही पहली बार सांसद बने थे। बाद में सीताराम केसरी बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष, कांग्रेस के कोषाध्यक्ष और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। 1971 में सीताराम केसरी कटिहार से लोकसभा का चुनाव हार गये थे। इसके बाद वे अधिकतर राज्यसभा के ही सदस्य रहे। फिर पटना के तारिक अनवर कटिहार से सांसद बने।

 कहां जाएंगे तारिक अनवर ?

कांग्रेस नेता के रूप में तारिक अनवर ने बुलंदी हासिल की। लेकिन 1999 में सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर उन्होंने शरद पवार के साथ कांग्रेस छोड़ दी थी। फिर वे शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये। वे शरद पवार की पार्टी से ही 2014 में कटिहार से सांसद चुने गये थे। अब उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।  अब वे किस दल से राजनीति करेंगे, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन कांग्रेस या राजद उनके विकल्प हो सकते हैं।

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