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शिक्षक नेता आनंद पुष्कर ने शिक्षा विभाग को लिखा पत्र, विशिष्ट शिक्षक नियमावली में संशोधन का दिया सुझाव

शिक्षक नेता आनंद पुष्कर ने शिक्षा विभाग को लिखा पत्र, विशिष्ट शिक्षक नियमावली में संशोधन का दिया सुझाव

PATNA : बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों को एक बार फिर राज्यकर्मी बनने का मौका दिया है। हालाँकि इसमें जो शर्तें हैं, उससे नियोजित शिक्षकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसी कड़ी में शिक्षक नेता और पूर्व एमएलसी केदारनाथ पाण्डेय के पुत्र आनंद पुष्कर ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 के प्रारूप पर सुझाव दिया है।

पत्र में उन्होंने कहा है की वर्ष 2015 में नियोजित शिक्षकों के लिए नियत वेतन से वेतनमान लागू होने के समय वेतन निर्धारण में पूर्व की सेवा की गणना करते हुए वेतन वृद्धि जोड़ा गया था। जिससे वरीय एवं कनीय शिक्षकों के बीच अंतर था। परंतु यहां सभी शिक्षकों का वेतन एक हो जाएगा। अतः पूर्व की भांति इस नियमावली के आच्छादित शिक्षकों के वेतन निर्धारण में भी पूर्व की सेवा की गणना करते हुए प्राप्त वार्षिक वेतन वृद्धि को जोड़ा जाना चाहिए।

वहीँ इस नियमावली की कंडिका 3 एवं 4 के द्वारा नियमावली से आच्छादित शिक्षक के संवर्ग में लाने हेतु सक्षमता परीक्षा पास करना आवश्यक किया गया है। जबकि वे शिक्षक सेवा के पूर्व पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण या सेवा पश्चात् दक्षता परीक्षा पास हैं । इस स्थिति में सक्षमता परीक्षा से इन्हें मुक्त रखा जाना चाहिए। इस नियमावली में सामान्य प्रशासन शब्द का कहीं भी उल्लेख नहीं है। सभी कोटि के नियोजित शिक्षक एवं पुस्तकालय अध्यक्षों के लिए सामान्य प्रशासन का दर्जा देने का उल्लेख होना चाहिए। इस  नियमावली का नाम विशिष्ट शिक्षक नियमावली की जगह बिहार राज्य शिक्षक नियमावली रखना ठीक होगा। उन्होंने कहा की इस नियमावली की कंडिका तीन(2) में अंकित विभाग द्वारा परिणामी रिक्ति का नियत प्रतिशत नियमावली से आच्छादित शिक्षक के प्रोन्नति हेतु के स्थान पर सभी शिक्षकों के कुल पदों का 50% पद प्रोन्नति हेतु रखने का प्रावधान किया जाना चाहिए। वहीँ इस नियमावली की कंडिका (7) में विद्यालय अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 से नियुक्त होने वाले शिक्षकों एवं नियमावली से आच्छदित शिक्षकों के बीच भी वरीयता का स्पष्ट निर्धारण हो। जिससे इस नियमावली से आच्छादित शिक्षकों की सेवा की वरीयता बनी रह सके।

इस नियमावली की कंडिका (8.2) एवं (8.5) में अंकित प्रावधानों के स्थान पर राज्यकर्मियों के लिए वित्त विभाग के अधिसूचना संख्या 460 दिनांक 24 5 2017 द्वारा लागू वेतन संरचना( पे मैट्रिक्स )के लिए दी गई तालिका के अनुसार ही वेतन निर्धारण होना चाहिए। इस नियमावली की कंडिका 9 में प्रोन्नति की समयावधि की गणना स्थानीय निकाय में नियुक्त तिथि से किए जाने का प्रावधान किया जाना चाहिए। प्रोन्नति के अभियुक्तियों कॉलम में रिक्तियो के अनुसार स्वस्थान प्रोन्नति के स्थान पर राज्यकर्मियों के लिए लागू सुनिश्चित वित्तीय  उन्नयन योजना के अंतर्गत 10 वर्ष , 20 वर्ष एवं 30 वर्ष की सेवा पर सभी शिक्षकों को वेतन प्रोन्नति का स्पष्ट प्रावधान अंकित किया जाए। आधिसूचना  संख्या 1072 दिनांक 25 06 2005 के द्वारा प्रधानाध्यापकों के 50% पद पर सीधे भर्ती एवं 50% पद प्रोन्नति से भरे जाने का प्रावधान किया जाना चाहिए।पुराने शिक्षकों के लिए विभाग अधिसूचना संख्या 1512 दिनांक 16 नवंबर   2002 द्वारा लागू नियम के अनुरूप इस नियमावली से आच्छादिक शिक्षकों का पद भी और अस्थानांतरणीय करते हुए केवल एकच्छिक स्थानांतरण का ही प्रावधान किया जाना चाहिए। इस नियमावली की कंडिका (11) में अनुशासनिक कार्रवाई हेतु किए गए प्रावधान के स्थान पर विद्यालय अध्यापक नियमावली 2023 की कंडिका (14) में अंकित बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 में निहित प्रावधान को प्रभावित किया जाना चाहिए। शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक की नियुक्ति भी नियमावली 2020 के अनुसार ही की गई है तथा इनका नियोजन भी नियोजन इकाइयों के द्वारा किया गया है। अतः इन्हें भी विशिष्ट नियमावली 2023 में प्रमुखता से रखा जाए। उन्होंने विभाग से अनुरोध किया कि राज्य हित एवं शिक्षक हित में संशोधन स्वीकार करते हुए नियमावली में उक्त संशोधन हेतु अपनी अनुशंसा देने की कृपा करें। जिससे सरकार द्वारा सभी कोटि के शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्ष राज्यकर्मी घोषित हो । इससे विधान मंडल के अंदर दिये गये वचन पूरा होगा।   

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