PATNA: कोरोना काल में सरकारी स्कूल के शिक्षकों को नया टास्क मिला है। बच्चों की पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखने के लिए शिक्षा विभाग ने नया आदेश जारी किया है। इस संबंध में विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी जिलों के डीएम और शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा है.
सभी डीएम-डीईओ को मिला टास्क
अपर मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि कोरोनाकाल में विद्यालय बंद है। बच्चों के पठन-पाठन की निरंतरता बनाए रखने के लिए प्रचार-प्रसार एवं अनुवर्ती कार्रवाई सुनिश्चित किया जाना है. डीडी बिहार की तरफ से कक्षा 6 से लेकर 8 तक के बच्चों के लिए शैक्षणिक प्रसारण आरंभ किया जा रहा है. इसकी शुरुआत 17 जनवरी से होगी. इसके अतिरिक्त बच्चों के ऑनलाइन-ऑफलाइन माध्यम से पढ़ाई की निरंतरता बनाए रखने के लिए दो बड़े प्रयास किए जा रहे हैं. डिजिटल डिवाइस की उपलब्धता वाले विद्यार्थियों के लिए ई-डॉट पर उपलब्ध कक्षा 12 तक की पुस्तकें एवं e-content के माध्यम से अपनी पढ़ाई कर सकते हैं . सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक कक्षावार ऐसे विद्यार्थियों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (जूम मीटिंग) एवं अन्य साधनों से विद्यार्थियों को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करेंगे.
शिक्षक अब टोला भ्रमण करेंगे
वहीं, कक्षा 1-5 तक के जिन विद्यार्थियों के पास डिजिटल डिवाइस की सुविधा नहीं है उनके लिये प्रधानाध्यापक विद्यालय के शिक्षकों के माध्यम से बच्चों को गृह आधारित शिक्षण के लिए टोला भ्रमण कर मार्गदर्शन देंगे. इस कार्य में विद्यालय प्रधान अपने क्षेत्र के शिक्षा सेवक, तालिमी मरकज की सहायता प्राप्त करेंगे. राज्य के लगभग 250 केआरपी एवं उनके अधीन 28000 शिक्षा सेवक कार्य कर रहे हैं. जिला स्तर से एक या दो प्राथमिक विद्यालयों के साथ प्रत्येक शिक्षा सेवक को संबद्ध किया जाएगा. सभी को अपने संबंद्ध विद्यालय के टोला में भ्रमण कर बच्चों को शिक्षण में सहयोग करेंगे. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों के डीएम और डीईओ को निर्देश दिया है कि बच्चों के पठन-पाठन जारी रखने के लिए किए जा रहे हैं प्रयोग प्रयासों का प्रचार प्रसार करें.