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राजद की शिविर से दरकिनार किए गए तेज प्रताप को जदयू को लगने लगे काबिल, कहा - वह तेजस्वी से ज्यादा शिक्षित, जानकार और बड़ी बात उनके खिलाफ 420 का मामला नहीं है

राजद की शिविर से दरकिनार किए गए तेज प्रताप को जदयू को लगने लगे काबिल, कहा - वह तेजस्वी से ज्यादा शिक्षित, जानकार और बड़ी बात उनके खिलाफ 420 का मामला नहीं है

PATNA : तेजस्वी यादव राजद का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित करते हैं। पार्टी के तमाम पदाधिकारी,कार्यकर्ता इसमें शामिल होते हैं। यहां तक कि आधे घंटे तक लालू प्रसाद भी वर्चुअली शिविर को संबोधित करते हैं। लेकिन इन सबके बीच पार्टी का एक बड़ा चेहरा पूरी तरह से हाशिए पर चला जाता है। वह चेहरा है लालू प्रसाद के बड़े बेटे और हसनपुर से विधायक तेज प्रताप यादव का। जिन्हें इस शिविर से पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया। अब छोटे भाई ने भले ही उन्हें कोई महत्व नहीं दिया हो, लेकिन अब जदयू को उनकी काबिलियत नजर आने लगी है। तेज प्रताप के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, उसे लेकर जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने दुख जाहिर किया। 

जिस तरह से प्रशिक्षण शिविर में लालू तेजस्वी ने शिविर के दौरान तेज प्रताप का जिक्र करना भी जरुरी नहीं समझा, उसके बाद नीरज कुमार ने तेज प्रताप का साथ देते हुए कहा कि तेज प्रताप की शैक्षणिक योग्यता  तेजस्वी से बेहतर है। बांसूरी भी बजाता है। क्या इसका सम्मान नहीं होना चाहिए। वह कलाकार है। एक लोक कलाकार के तौर पर राजद को उनका सम्मान नहीं करना चाहिए। सबसे बड़ी बात कि छोटे भाई की तरह तेज प्रताप के  खिलाफ 420 को कोई केस नहीं है। लेकिन लालू प्रसाद को यह नजर नहीं आता है।


तेजस्वी अहंकारी हो गए हैं

इस दौरान उन्होंने तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह कहते हैं कि दोनों उपचुनाव पर राजद की जीत होगी। तेजस्वी यादव कभी महागठबंधन का नाम नहीं लेते हैं। जिस तरह से वह बातें करते हैं वह उनके अंहकार को दिखाता है। उनके लिए गठबंधन में शामिल कांग्रेस, माले जैसी पार्टियां बीपीएल की तरह है। जिनका कोई महत्व नहीं है। इस दौरान उन्होंने कुशेश्वर स्थान में होनेवाले उप चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली बार वहां कांग्रेस चुनाव लड़ी थी, लेकिन अब तेजस्वी की बातों से लगता है कि वहां कांग्रेस का अस्तित्व समाप्त हो गया है।

सरकार बनाने का पतरा उल्टा पड़ गया

जदयू प्रवक्ता ने इस दौरान राजद के सरकार बनाने के सपने को लेकर भी जमकार खरीखोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि 2005 से वह सरकार बनाने के सपने देख रहे हैं। वह जाप करा रहे हैं, पतरा दिख रहे हैं। जब सुनेंगे तो सरकार बनाने की बात करते हैं। खुद उम्र के चौथे पड़ाव पहुंच गए हैं। बेटा भी 32 साल का हो गया है। लेकिन जब तक वह लालूवाद की विचारधारा पर चलेंगे, तब तक यह संभव नहीं हो सकता है। लालूवाद एक ऐसा विचारधारा है, जिसमें चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिलती है। इससे बाहर निकलकर लोहिया-कर्पूरी के विचारों को अपनाएं तो कुछ फायदा मिलेगा।



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