दरभंगा एम्स पर केंद्र सरकार के दावों की तेजस्वी ने निकाली हवा... बिहार में रहे भाजपा के स्वास्थ्य मंत्री की असफलता की उजागर

पटना. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने दरभंगा एम्स के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया द्वारा दरभंगा एम्स को लेकर बिहार सरकार को कटघरे में खड़ा करने के बाद तेजस्वी ने रविवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर केंद्र सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा कि यह कौन से अदृश्य विकास की राजनीति है कि जहाँ स्वास्थ्य मंत्रालय ने AIIMS के लिए अभी तक स्थल फाइनल किया ही नहीं है और आदरणीय प्रधानमंत्री जी कह रहे है वहाँ एम्स खोल दिया गया है?

उन्होंने दरभंगा एम्स को लेकर डॉ मनसुख मंडाविया के दावों पर सवाल करते हुए कहा कि जिस काल अवधि का आप वर्णन कर रहे है उस वक़्त से लेकर पूर्व के कई वर्षों तक बिहार में BJP के ही स्वास्थ्य मंत्री रहे है। शायद आप उनकी असफलता को इंगित कर रहे है। बिहार सरकार ने शोभन बायपास जैसी बेहतर लोकेशन पर निःशुल्क 151 एकड़ भूमि केंद्र को हस्तांतरित की है जिसमें मिट्टी भराई का 300 करोड़ अतिरिक्त व्यय भी राज्य सरकार वहन कर रही है।

हम सकारात्मक एवं विकासोन्मुख राजनीति करते है इसलिए हमने दरभंगा सहित अन्य जिलों को इसका संपूर्ण लाभ मिले तभी सबसे उपयुक्त स्थल चयन किया है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से केंद्र की अभी तक स्वीकृति नहीं मिली। आपको अवगत कराना चाहेंगे कि दरभंगा में ही 1946 से स्थापित बिहार के प्रतिष्ठित दरभंगा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में बिहार सरकार (569+ 2546) कुल 3115 करोड़ के अपने खर्च से (400+2100) 2500 बेड का सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल, आधुनिक भवन एवं आवासीय परिसर का निर्माण करवा रही है क्योंकि हम नकारात्मक राजनीति नहीं बल्कि जनहित में गतिशील विकास कार्यों को प्राथमिकता देते है।

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दरअसल, दरभंगा एम्स को लेकर यह विवाद शनिवार को पीएम मोदी के सम्बोधन के बाद शुरू हुआ. पीएम मोदी ने कहा था कि दरभंगा एम्स की शुरुआत हो चुकी है. उनके इस दावे पर बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन ने आपत्ति जताई और तेजस्वी यादव ने पीएम के दावों को झूठा कहा. इसके बाद डॉ मनसुख मंडाविया ने एक पत्र जारी कर केंद्र सरकार का बचाव किया. लेकिन अब तेजस्वी ने उनके दावों को फिर से गलत बताते हुए दरभंगा में एम्स नहीं शुरू होने के लिए केंद्र सरकार पर दोषारोपण किया है.