लैंड फॉर जॉब स्कैम में तेजस्वी घिरे, विधानमंडल में इस्तीफे की मांग के बाद अब कोर्ट की बारी, आज से सुनवाई शुरू

PATNA : नौकरी के बदले जमीन घोटाले में जहां विपक्ष में बैठी भाजपा चार्जशीटेड तेजस्वी यादव के सभी विभागों के मंत्री पद से इस्तीफे की मांग कर रही है, वही दूसरी तरफ आज से इस मामले में आज से सुनवाई शुरू हो रही है। नई दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में जमीन के बदले नौकरी के इस केस की सुनवाई की जाएगी। हालांकि आज की सुनवाई में तेजस्वी मौजूद नहीं होंगे। उनकी जगह उनके वकील कोर्ट में मौजूद  होंगे।

सीबीआई ने 3 जुलाई को ही रेलवे में नौकरी के बदले जमीन देने के घोटाले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी। इसी में तेजस्वी यादव का नाम भी जोड़ा गया था। इसी केस में पहले से ही आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्वसीएम राबड़ी देवी समेत 17 अन्य आरोपी हैं

सुशील मोदी ने  पूछा ने - तेजस्वी बताएं कि 33 की उम्र में 52 बड़ी संपत्ति कैसे खड़ी की

Nsmch
NIHER

उधर बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर भाजपा आक्रामक तेवर में है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद ने गरीबों-पिछड़ों को गुमराह कर सत्ता पायी और इसका दुरुपयोग केवल सम्पत्ति बनाने में किया। उन्होंने कहा कि उनका परिवार देश के सर्वाधिक भ्रष्ट राजनीतिक परिवारों में है। 

इससे बिहार शर्मसार है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने न पढाई पूरी की, न कोई नौकरी की और न उनके माता-पिता के पास कोई पुश्तैनी सम्पत्ति थी। ऐसे में उन्हें बताना चाहिए कि वे 33 साल की उम्र में 52 बहुमूल्य सम्पत्ति के मालिक कैसे बन गए?

750 करोड़ के मॉल के पैसे कहां से आए

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नौकरी के बदले जिन लोगों की करोड़ों रुपये की कीमती जमीन एके इन्फो सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के नाम लिखवायी गई, उस कंपनी को तेजस्वी यादव ने मात्र एक लाख रुपये में कैसे खरीद लिया? उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव पटना के सगुना मोड़ इलाके में 750 करोड़ रुपये का जो बहुमंजिला मॉल बनवा रहे थे, उसके लिए इतने पैसे कहां से आये, यह जानकारी बिहार की गरीब जनता से क्यों छिपायी गई? मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव के पिता लालू प्रसाद चारा घोटाला के चार मामलों में सजायाफ्ता हैं और राबड़ी देवी सहित परिवार के आधा दर्जन लोग भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपी हैं। इनमें से किसी को अदालत ने बरी नहीं किया।