थ्री वर्ड फ़ार्मूला पॉलिटिक्स कर रहे तेजस्वी

लालू प्रसाद को मिली ज़मानत सशर्त है। छः हफ्तों की ज़मानत अवधि में लालू प्रसाद को मीडिया से बात करने की मनाही तो है ही, साथ ही साथ किसी तरह के राजनीतिक गतिविधियों से भी उन्हें दूर रहना है। लालू प्रसाद बड़े एहतियात के साथ ज़मानत की शर्तों का पालन कर रहे हैं। ज़मानत मिलने के बाद लालू प्रसाद बुधवार की शाम जब पटना पहुंचे तो कर्नाटक में चुनाव नतीज़े आने के बाद सियासी पारा गरम था। लालू प्रसाद के रांची से पटना पहुंचने के ढाई घंटे बाद रात के 10 बजे तेजस्वी सोशल मीडिया पर लाइव हुए और कर्नाटक के मुद्दे पर अपनी बात रखी। तकरीबन 16 मिनट के अपने सोशल मीडिया लाइव में तेजस्वी ने इस पॉलिटिकल स्टैंड को सामने रखा कि वह राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। इस एलान के साथ ही तेजस्वी ने हमलावर रुख़ अपनाते हुए जदयू और भाजपा को जमकर लताड़ा। पिछले कुछ अरसे से नर्म चल रहे तेजस्वी के अंदाज़ में अचानक आई आक्रामकता किसी सियासी पहेली से कम नहीं।
जानकार बताते हैं
कि बुधवार की रात सोशल मीडिया पर लाइव होने से पहले तेजस्वी ने अपने राजनीतिक गुरु
और पिता लालू प्रसाद यादव से देश की मौजूदा राजनीति पर लगभग दो घंटे तक चर्चा की।
लालू प्रसाद ने इसी दरम्यान तेजस्वी को थ्री वर्ड फार्मूला दिया। तेजस्वी अब Oppose,
Expose and Unite के इसी
फार्मूले पर पॉलिटिक्स कर रहे हैं। कर्नाटक के ज़रिए
भाजपा का विरोध और पर्दाफ़ाश उनके फ़ार्मूले के पहले दो चरण हैं। तीसरा और अंतिम चरण
विपक्षी दलों की एकजुटता का है। क्योंकि तेजस्वी को भी इस बात का मलाल है कि 26
जुलाई 2017 की रात जब वह राजभवन के सामने खड़े थे तो विपक्षी भी मज़बूती से उनके साथ
नहीं खड़े थे। फार्मूला पॉलिटिक्स के लालू प्रसाद माहिर खिलाडी हैं। भले ही लालू
प्रसाद ज़मानत की शर्तों से बंधे हों लेकिन उनके जेल से बाहर आने का असर दिखने लगा है।
तेजस्वी अब लालू के दिए फार्मूले पर सियासत कर विरोधियों के नाक में दम कर रहे हैं।