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बेताज... तेजप्रताप का एलान, बिहार की राजनीति को किया बाय -बाय

बेताज... तेजप्रताप का एलान, बिहार की राजनीति को किया बाय -बाय

MOTIHARI : लम्बे अरसे से यह खबरें आ रही थी कि आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव के परिवार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. तेजप्रताप और तेजस्वी दोनों भाइयों के बीच मनमुटाव है जिसे लालू – राबड़ी भी दूर नहीं कर पाए हैं. हाल के दिनों में तेजप्रताप यादव ने पार्टी की बैठकों और दूसरे कार्यक्रमों से खुद को दूर रखा तो इन ख़बरों को और बल मिला. नवरात्र के मौके पर भी दोनों भाई एक साथ पूजा पंडाल में दर्शन को नहीं निकले तो सबने यह मान लिया की लालू परिवार में आल इज वेल नहीं है. 

तेजप्रताप और तेजस्वी की राह दिखी अलग 

पार्टी के कार्यक्रमों में भी दोनों भाइयों की राहें जुदा दिखी. तेजस्वी की संविधान बचाओ न्याय यात्रा के शुरूआती चरण में साथ रहने वाले तेजप्रताप यात्रा के मौजूदा चरण में तेजस्वी से दूर रहे. रविवार को तेजस्वी जब छपरा की यात्रा पर पहुंचे तो तेजप्रताप उनसे दूर मोतिहारी में कार्यक्रम कर रहे थे. 

बिहार की राजनीति छोड़ने का किया एलान 

रविवार को मोतिहारी में एक कार्यक्रम के दौरान तेजप्रताप यादव ने खुले मंच से एलान कर दिया कि वह आगे बिहार की राजनीति नहीं करेंगे. तेजप्रताप ने कहा कि उनका छोटा भाई तेजस्वी ‘अर्जुन’ की भूमिका में है और उसे हस्तिनापुर का सिंहासन सौंपकर वह आगे दूसरी जगह की राजनीति करेंगे. तेजप्रताप यादव ने अपने इस एलान से साफ़ कर दिया कि वह लोकसभा का अगला चुनाव लड़ेंगें और केंद्र की राजनीती में जायेंगे. 

तेजप्रताप ने प्रदेश की राजनीति से क्यूँ किया किनारा? 

दरअसल 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद जब महागठबंधन की सरकार बनी उसी वक़्त लालू यादव ने प्रत्यक्ष तौर पर छोटे बेटे तेजस्वी को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था. सरकार में तेजस्वी को नम्बर 2 की जगह देते हुए डिप्टी सीएम बनाया गया. तेजप्रताप को इसके बाद ही एहसास हो गया था कि पिता लालू प्रसाद की राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी छोटा भाई तेजस्वी ही रहेगा. यही वजह रही तेज सार्वजनिक मंचों पर कई दफे छोटे भाई की ताजपोशी करते दिखे. लेकिन बावजूद इसके तेजप्रताप का दर्द कई मौकों पर सामने भी निकलकर आया. तेज ने अपनी पीड़ा भी बयां की और बाद में उसपर पर्दा भी डाला. धीरे – धीरे तेजप्रताप पार्टी की छात्र इकाई तक ही सिमट कर रहा गए. पार्टी और संगठन में उनकी छोटे भाई के सामने एक नहीं चली तब तेजप्रताप को अपने कद का एहसास हुआ. शायद यही वजह है कि तेजप्रताप यादव अब बिहार की राजनीति नहीं करना चाहते. तेजप्रताप को ऐसा लगता है कि तेजस्वी के सामने बिहार की राजनीति में उनका कद बड़ा नहीं हो पायेगा. तेजप्रताप के इस एलान के बाद की वह आगे प्रदेश की राजनीति नहीं करेंगे, सबको इस बात का इन्तजार है की ‘बेताज़’ तेज लोकसभा का चुनाव किस सीट से लड़ेंगे. 

मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट 

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