पटना... बिहार विधानसभा चुनाव के बाद एनडीए की अगुआई में नीतीश कुमार ने 7वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल ली है, लेकिन विपक्ष में बैठी राजद अब तक यह मानने को तैयार नहीं है कि उसके हाथ में सत्ता की चाबी अब भी नहीं आई है। वो इस कदर तिलमिलाई हुई कि हर एक घंटे बाद जुबानी हमला बोलती है। विकास की बात करने वाली राजद सरकार को सहयोग करने की बजाए नीतीश कुमार और उनके मंत्रियों के पीछे पड़ी हुई है।
नए जनादेश 2020 के बाद 17वीं बिहार विधानसभा का पहले सत्र का पहला दिन भी खत्म हो गया, लेकिन विपक्ष शुरू से ही हमलावर रही। दो दिन तक चलने वाले शपथ सत्र में पहले दिन भाजपा और जेडीयू के कई दिग्गज नेताओं के अलावा आरजेडी के तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने भी शपथ ली। इसके बाद तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह तक कह डाला है, जो कि भाजपा, जेडीयू और आरजेडी के बीच सियासी घमासान की वजह बन सकती है।
इस बीच सोशल मीडिया पर भी तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश कुमार जी का गिरोह मुझसे इस्तीफा मांग रहे हैं। अभी तो हमने एक भ्रष्टाचारी को आउट किया है, देखते जाइए बाकी भी होंगे। तेजस्वी का ट्वीट कुछ ऐसा था....
भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह श्री नीतीश कुमार जी का भ्रष्ट अशिष्ट गिरोह मेरे ‘नेता प्रतिपक्ष’ बनने व विधायक पद की शपथ ग्रहण से पहले ही 10 लाख नौकरियों का विमर्श शुरू करने पर मेरा इस्तीफा माँग रहा था।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 23, 2020
अभी तो एक भ्रष्टाचारी आउट हुआ है। देखते जाइए बाकी भी होंगे। जनादेश हमारे साथ है।