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तेलंगाना CM 'केसीआर' हैं 'नीतीश' के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी! अब बिहार के अखबारों में 'विज्ञापन' देकर बताया, तेलंगाना राष्ट्र- सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व

तेलंगाना CM 'केसीआर' हैं 'नीतीश' के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी! अब बिहार के अखबारों में 'विज्ञापन' देकर बताया, तेलंगाना राष्ट्र- सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व

PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब विपक्ष का चेहरा बन गये हैं. बीजेपी से नाता तोड़कर नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव 2024 में  मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने का संकल्प लिया है। उन्होंने विपक्षी नेताओं को गोलबंद करने का अभियान भी शुरू कर दिया है। इसको लेकर वे पटना से लेकर दिल्ली तक विपक्ष के बड़े नेताओं से मुलाकात की है. आने वाले दिनों में नीतीश कुमार का दूबारा दिल्ली दौरा हो सकता है। विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री का चेहरा कौन होगा,इस पर मंथन जारी है। बताया जाता है कि सीएम नीतीश समेत कई क्षेत्रीय क्षत्रप प्रधानमंत्री पद की रेस में हैं. 

 केसीआर ही नीतीश के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी

बिहार के मुख्यमंत्री भी पीएम पद की रेस में हैं. हालांकि आधिकारिक तौर पर वे इससे इंकार करते हैं, लेकिन यह कहने से नहीं चुकते कि अगर 2024 में हम केंद्र की सत्ता में आये तो बिहार समते पिछड़े राज्यों को स्पेशल स्टेटस दिया जायेगा। इधर, तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर जिनसे नीतीश कुमार सबसे पहले मिले थे,कहा जाता है वे भी पीएम की रेस में हैं. पटना आकर उन्होंने नीतीश कुमार के सामने ही तेलंगाना मॉडल की चर्चा की थी. पटना में नीतीश कुमार के कामों को नहीं बल्कि खुद के काम को गिनाया था। अब केसीआर बिहार के अखबारों में विज्ञापन देकर बिहारियों को बता रहे हैं कि हमने अनुसूचित जाति के विकास के लिए अभूतपूर्व काम किये हैं. खुद को 'सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व' करार दिया है। इस तरह से विपक्ष में केसीआर ही नीतीश कुमार के सबसे बड़े विरोधी बन गये हैं. 

बिहार में विज्ञापन देकर बताया, तेलंगाना राष्ट्र-सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व

बिहार के तमाम अखबारों में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) का फ्रंट पेज पर एक-एक पन्ने का विज्ञापन है। विज्ञापन में केसीआर के काम और योजना के बारे में जानकारी दी गई है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की तस्वीर के साथ छपे विज्ञापन में लिखा गया है....अनुसूचित जनजाति का अभूतपूर्व विकास एवं सशक्तिकरण तेलंगाना राष्ट्र-सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व। बिहार के सभी बड़े अखबारों में आज विज्ञापन देकर केसीआर ने तेलंगाना मॉडल को बताने और समझाने की कोशिश की है। आखिर बिहार में विज्ञापन देने का मकद क्या है, जानकार बताते हैं कि मकसद यही है कि यहां भी बताई जाए कि तेलंगाना में एससी-एसटी के लिए किस तरह के काम किये जा रहे हैं. साथ ही नीतीश मॉडल को छोटा करने की कोशिश है। 31 अगस्त को जब तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर पटना पहुंचे थे तो उन्होंने भी यही बात दुहराई थी. उन्होंने नीतीश कुमार के सामने ही बिहार के विकास की नहीं, बल्कि खुद जो काम किये थे,उसे गिनाया था। अब अखबारों में विज्ञापन के माध्यम से बताने की कोशिश की है. 

केसीआर बोलते रहे और नीतीश खड़े होकर जाने लगे थे

सीएम केसीआर 31 अगस्त को पटना में थे। वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे। उनसे सवाल पूछा गया कि क्या 2024 में विपक्ष का नेतृत्व नीतीश कुमार करेंगे? जैसे ही नीतीश कुमार अपना नाम पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर सुने वो बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही अपनी कुर्सी छोड़कर उठ खड़े हुए. इससे बहुत देर तक अजीबोगरीब स्थिति बनी रही. केसीआर बोलते रहे और नीतीश कुमार ठीक उनके बगल में खड़े रहे. इस दौरान केसीआर कभी नीतीश कुमार का हाथ, तो कभी उनका कुर्ता पकड़ कर खींच कर उन्हें बिठाने की कोशिश करते रहे, लेकिन नीतीश कुमार बैठने को तैयार नहीं हुए. इस सबके बीच उनकी हंसी नहीं रूक रही थी. प्रेस वार्ता में सवाल-जवाब के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अधिकतर समय खड़े ही रहे और उन्हें केसीआर बिठाने का प्रयास करते रहे.


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