AGRA : बिहार में अक्सर चूहों के बारे में सुना जाता है कि वह लाखों लीटर शराब गटक गए। लेकिन यूपी के आगरा में कुछ अलग ही मामला सामने आया है। यहां दीमकों द्वारा एक दो नहीं पूरे 90 लाख के स्टांप पेपर को चट कर गए। यह सभी स्टांप पांच हजार रुपये के हैं। सात साल पूर्व स्टांप नोडल कोषागार कानपुर से यहां आए थे। ई-स्टांप के चलते जनवरी 2020 से इनकी बिक्री नहीं हो पा रही थी।इतनी बड़ी राशि के एक साथ दीमकों के कारण हुए नुकसान के बाद अब विभाग में हड़कंप मच गया है।
सरकार ने बिक्री पर लगी दी थी रोक
मुख्य कोषागार में 65 करोड़ रुपये के स्टांप रखे हुए हैं। यह स्टांप पांच से 25 हजार रुपये कीमत के हैं। ई-स्टांप को बढ़ावा देने के लिए जनवरी 2020 में प्रदेश सरकार ने सभी कोषागार से भौतिक स्टांप की कैश बिक्री पर रोक लगा दी थी। इससे पूर्व जिले में 11 करोड़ रुपये प्रति माह स्टांप की बिक्री हो रही थी। सबसे अधिक स्टांप जनवरी 2016 में नोडल कोषागार कानपुर से आए थे। नियमित अंतराल में इनकी बिक्री की गई।
स्टांप पेपरों की वर्तमान स्थिति की जानकारी मांगी, तो आया सच
दरअसल, इसी साल जून में अपर मुख्य सचिव वित्त सेवाएं की ओर से हर जिले में स्टांप की उपलब्धता की जानकारी मांगी गई। इसके लिए डबल लाक खोलकर देखा तो अधिकारी हैरान रह गए।पांच हजार रुपये कीमत वाले स्टांप में दीमक लग गई थी। अधिकारियों ने दीमक लगे स्टांप को अलग किया और बचाव के उपाय भी किए। सूत्रों का कहना है कि कई स्टांप पेपर को दीमक पूरी तरह चट कर गया है।
खराब स्टांप पेपर को लेकर मांगा सलाह
मुख्य कोषाधिकारी रीता सचान ने बताया कि 90 लाख रुपये के स्टांप में दीमक लग गई। इस संबंध में सचिव नोडल कोषागार कानपुर से सलाह मांगी गई है, कि दीमक लगे स्टांप का क्या किया जाए। उन्होंने बताया कि सचिव के निर्देश के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
पांच हजार से अधिक के ई-स्टांप की बिक्री पर रोक
डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने पांच हजार रुपये कीमत से अधिक के ई-स्टांप की बिक्री पर रोक लगाते हुए भौतिक स्टांप बेचने के आदेश दिए हैं। छह अक्टूबर को जारी इस आदेश को लेकर एडीए, आवास विकास व अन्य विभागों को पत्र भी भेजा गया है।