KATIHAR : 17 साल के लंबे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार गंगा नदी के कटाव की वास्तविक स्थिति का जायजा लेने के लिए पहुंचे। लेकिन मुख्यमंत्री का यह दौरा भी उनके बाकी दौरे की तरह बनकर रह गया। मुख्यमंत्री जी आए, गंगा नदी के कटाव का जायजा लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया और वापस लौट गए। इस दौरान उन्होंने कटाव का दंश झेल चुके लोगों से न मिलना जरुरी समझा और न ही अधिकारियों ने उन्हें सीएम से मिलने दिया। अब जमीन कटाव में अपना सब कुछ गंवा चुके लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री का यह दौरा भी सिर्फ आश्वासन तक न सीमित रह जाए।
हमसे बेहतर कौन बताता
यहां लंबे समय से कटाव की समस्या को लेकर काम कर रहे सोशल एक्टिविस्ट विक्टर झा ने बताया हमें खुशी है कि 17 साल में पहली बार मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया। लेकिन दुख इस बात का है कि 20 साल से हम लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं और जब सीएम का यहां पर आने का कार्यक्रम बना तो हमलोगों को मिलने से प्रशासन ने रोक दिया। विक्टर झा ने बताया कि कटाव को लेकर यहां के लोगों के अनुभव को सीएम के सामने रखने का मौका नहीं दिया गया। खुद तीन बार गंगा नदी के कटाव में अपना घर खो चुके विक्टर झा ने बताया कि यहां के लोग रेलवे लाइन और सड़कों के किनारे रहने को मजबूर हैं। इतने आंदोलन किए, पद यात्रा किए, जेल गए, अनशन किया, लाठी भी खाया, कई केस हुए, लेकिन हमें सीएम से मिलने नहीं गए। वहीं दूसरी तरफ जब सीएम आए तो कई पार्टी के दलालों ने उन्हें घेर लिया। मुख्यमंत्री ऐसे लोगों से घिरे रहे, जो सिर्फ कटाव के नाम पर अपनी नेतागिरी चलाते रहे।
बड़े आंदोलन की है तैयारी
मनिहारी अनुमंडल के बाघमारा इलाके में मुख्यमंत्री के दौरे के बाद भी लोगों को उम्मीद कम नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री का दौरा आश्वासन के तर्ज पर देखा जा रहा है। सड़क किनारे झोपड़ी बनाकर रह रहे इन विस्थापित परिवारों का कहना है कि मुख्यमंत्री आए हैं, तो कुछ दिन स्थिति पर निगरानी रखी जाएगी, अगर हालत नहीं सुधरे तो 50 हजार लोगों के साथ आमरण अनशन आंदोलन किया जाएगा।
नए भागीरथ से हैं उम्मीदें
हाल में ही मुख्यमंत्री ने गंगा नदी का रूख नवादा, राजगीर, गया और बोधगया की तरफ कर दिया। इन जिलों में अब हर घर में गंगा जल उपलब्ध हो रहा है। जिसके बाद मुख्यमंत्री को आज के समय का भागीरथ मान लिया गया। अब कटिहार के लोगों की उम्मीदें हैं कि भागीरथ नीतीश कुमार कटिहार में भी गंगा नदी को नियंत्रित करने में कामयाब होंगे।