राजधानी के 'परिवहन दारोगा' की चालाकी ! पिछले साल एक ही दिन में 115 डिसमिल जमीन का प्लॉट खऱीदा पर 'सरकार' से छुपा लिया...ब्योरा छुपाना मतलब DA केस का पुख्ता आधार

PATNA: बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है. सरकारी अधिकारी-कर्मचारी जमकर माल बटोर रहे हैं. सभी विभागों में लूट सी मची हुई है. जनता के पैसे से सरकारी सेवक मालामाल हो रहे. हालांकि भ्रष्टाचार रोकने को लेकर सरकार के स्तर से कार्रवाई भी हो रही, पर जिस रफ्तार से कार्रवाई हो रही उससे कई गुणा अधिक तेजी से भ्रष्टाचार बढ़ रहा. नीतीश सरकार ने हर साल संपत्ति सार्वजनिक करने की व्यवस्था कर रखी है. घोषित संपत्ति से अधिक मिलने पर उसे आय से अधिक संपत्ति मानते हुए कार्रवाई होती है. इसके बाद भी भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी सेवक अपनी संपत्ति को उजागर कम, छुपाते अधिक हैं. अब जरा इस सरकारी सेवक को देखें. परिवहन विभाग का यह दारोगा एक दिन में 38 कट्ठा जमीन की खरीद की. लेकिन सरकार की नजरों से छुपा लिया.
बेटे-पत्नी के नाम पर क्रय किया है प्लॉट
परिवहन विभाग का दारोगा का खेल देखिए. इस दारोगा ने पत्नी और छोटे बेटे के नाम पर एक दिन में लगभग दो बीघा जमीन की खऱीद कर ली है. जमीन की रजिस्ट्री शिकारपुर निबंधन कार्यालय से नवंबर 2022 में की गई है. जमीन की खरीद करना गलत नहीं पर छुपाना गलत है. छुपाई गई संपत्ति को सरकार अवैध मानती है. परिवहन दारोगा ने वही काम किया है. दारोगा ने अपनी पत्नी-बेटे के नाम पर प्लॉट की खरीद की पर संपत्ति का जो ब्योरा दिया है, उसमें इसका जिक्र नहीं किया. परिवहन दरोगा ने 7 फऱवरी 2023 को संपत्ति का जो ब्योरा दिया है, उसमें नवबंर 2022 में खरीदी गई 115 डिसमिल जमीन की जानकारी छुपा लिया. आप इसे क्या कहेंगे...? सरकार का स्पष्ट मानना है कि छुपाई गई संपत्ति को अवैध (आय से अधिक संपत्ति) मान कार्रवाई की जायेगी.
चंपारण के रहने वाले हैं दारोगा जी
अब जरा परिवहन दारोगा के बारे में जान लें. परिवहन दारोगा का पैतृक जिला पश्चिम चंपारण है. वर्तमान में वो राजधानी में प्रतिनियुक्त हैं. अब समझ सकते हैं कि जो परिवहन दारोगा एक दिन में दो बीघे जमीन की खरीद कर सकता है, वो कितना बड़ा धनकुबेर होगा. अगली खबर में इस खेल की कड़ी को और जोडेंगे. वैसे निगरानी ब्यूरो ने इसी साल किशनगंज में प्रतिनियुक्त एक परिवहन दारोगा विकास कुमार के ठिकानों पर आय से अधिक संपत्ति केस में छापेमारी की थी. इसके पहले एक और परिवहन दारोगा श्यामनंदन प्रसाद के खिलाफ भी निगरानी की कार्रवाई हो चुकी है. समस्तीपुर के तत्कालीन इंफोर्समेंट इंस्पेक्टर श्यामनंदन प्रसाद के खिलाफ 2 दिसंबर 2019 को निगरानी ने DA केस दर्ज किया था. इसके बाद कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. यह केस अभी भी जांच में है।