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आयोजकों की उपेक्षापूर्ण रवैए से उलारधाम सूर्य महोत्सव 2023 का रंग हुआ फीका, नहीं पहुंचे विशिष्ट एवं सम्मानित अतिथि,कुर्सियां रह गई खाली

आयोजकों की उपेक्षापूर्ण रवैए से उलारधाम सूर्य महोत्सव 2023 का रंग हुआ फीका, नहीं पहुंचे विशिष्ट एवं सम्मानित अतिथि,कुर्सियां रह गई खाली

PATNA : जिले के पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र के उल्लारधाम सूर्य नगरी स्थित द्वापरकालीन भगवान श्रीकृष्ण के जाम्वती पुत्र राजा शाम्ब द्वारा देश विभिन्न स्थलों स्थापित किए गए 12 सूर्यपीठो में से एक उल्लार्क सूर्य मंदिर परिसर में बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय उल्लारधाम सूर्य महोत्सव 2023 के उद्घाटन समारोह में इसके उद्घाटनकर्ता कला एवं सांस्कृतिक युवा विभाग के मंत्री जितेंद्र राय के अलावा कोई भी नहीं पहुंचा. न हीं मुख्य अतिथि,न हीं विशिष्ट अतिथि व न हीं कोई भी कार्ड में दर्ज सभी सम्मानित अतिथियों भी नहीं पहुचे सके. 

इन सभी दर्जनों अतिथियों के नही पहुंचने से महोत्सव का रंग फीका पड़ गया. वही कुर्सियां खाली रह गयी. जोकि उद्घाटन समारोह काफ़ी चर्चा का विषय रहा. बताया जा रहा है की आयोजको की उपेक्षापूर्ण और मनमाना रवैये मुख्य वजह रहा. पत्रकारों को भी समय पर नहीं बुलाया गया. सम्मान भी कुछ गिने चुने लोगों का किया गया. जानकारी के अनुसार सूर्य नगरी उल्लार धाम स्थित विश्व विख्यात उल्लार्क सूर्य मंदिर परिसर में बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग प्रायोजित दो दिवसीय उलारधाम सूर्य महोत्सव 2023 का आयोजन किया गया. जिसकी आज पहले दिन महोत्सव का उद्घाटनकर्ता कला सांस्कृतिक एवं युवा विभाग मंत्री जितेंद्र राय द्वारा उद्घाटन किया गया. लेकिन दूसरी तरफ मुख्य अतिथि स्थानीय पाटलीपुत्रा सांसद रामकृपाल यादव, राज्य सभा सांसद, अनरेंद्र धारी सिंह एवं डॉ मीसा भारती थी. लेकिन ये तीनों मुख्य अतिथियों के साथ विशिष्ट अतिथियों में विधायक संदीप सौरभ को छोड़कर पूर्व मंत्री विधान पार्षद नीरज कुमार, कार्तिकेय कुमार, बिक्रम विधायक सिद्धार्थ सौरभ नहीं पहुचे. जबकि दूसरी तरफ सम्मानित अतिथियों में पूर्व दीनानाथ सिंह यादव, डॉ उषा विद्यार्थी,एन के नंदा,रामजन्म शर्मा, जय वर्धन यादव,डा अनिल कुमार सभी सम्मानित अतिथियों में से कोई भी नहीं पहुंचा. क्या यह स्थिति एक महज संयोग कहा जा सकता है. यह महोत्सव सिर्फ राजनीती का अखाडा बन गया, आखिर क्या कारण रहा की एक दर्जन से अधिक आमंत्रित मुख्य, विशिष्ट एवं सम्मानित दर्जनों अतिथियों में से सिर्फ दो ही पहुंच  सके. वैसे यह संयोग कतई नहीं कहा जा सकता? क्या कारण रहा की यह स्थिति बना?  ऊपर से पालीगंज अनुमंडल के लगभग सभी एक दो पत्रकारों को छोड़कर किसी को भो समय पर आंमत्रित नहीं किया गया. आयोजको द्वारा मात्र एक घंटे पहले ज्यादातर कई पत्रकारों सिर्फ वाट्सअप पर आमंत्रण भेज कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर दिया गया. जिसके कारण कोई दर्जनों पत्रकार नहीं पहुंच सके या इसका बहिष्कार किया. साथ ही वहाँ मौजूद रहे कई पत्रकारों में सिर्फ गिने चुने कुछ पत्रकारों सम्मानित किया गया. बाकी को छोड़ दिया गया. क्या यह आयोजको का उपेक्षा पूर्ण और मनमाने रवैइए नहीं कहा जा सकता है? दूसरी तरफ आयोजको की उपेक्षा एवं संवादहीनता की वजह से इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में दर्शक भी नहीं पहुंच सके और नहीं स्थानीय जन प्रतिनिधियों एवं अन्य गन्य मान्य सामजिक और राजनितिक कार्यकर्ता भी भेदभावपूर्ण रवैइए के कारण नहीं पहुंच सके. जिसके चलते मंच पर लगे मुख्य, विशिष्ट एवं सम्मानित दर्जनों अतिथियों के लिए लगाई गई कुर्सियां खाली रह गई. वहीं आम दर्शकों के लिए लगाई गई पंडाल की दो तिहाई से अधिक कुर्सियां भी खाली रह गई. जबकि यह स्थिति पहले कभी नहीं दिखाई दिया था. इससे पहले सभी महोत्सव में कुर्सियां के लिए मारा मारी मची रहती थी.

सनद रहे यह आयोजन कराने के लिए बिहार सरकार के कला, संस्कृति व युवा बिभाग की ओर से आठ लाख रुपये का आवंटन की गई थी. वही महोत्सव का उद्घाटनकर्ता के रूप में बिहार राज्य कला, संस्कृति एवं युवा विभाग मंत्री जितेंद्र कुमार राय, मुख्य अतिथि के रूप में स्थानीय सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव, राज्य सभा सांसद डॉ. मीसा भारती व राज्य सभा सांसद अमरेन्द्रधारी सिंह, विशिष्ट अतिथियों के रूप में स्थानीय विधायक सन्दीप सौरभ, विधायक सिद्धार्थ सौरभ, विधान पार्षद सह पूर्व मंत्री नीरज कुमार, विधायक पार्षद कार्तिक कुमार व सम्मानित अतिथियो के रूप में पूर्व विधायक जयवर्द्धन यादव उर्फ बच्चा बाबू, पूर्व विधायक दीनानाथ सिंह यादव, पूर्व विधायक नन्द कुमार नन्दा, पूर्व विधायक डॉ. उषा विद्यार्थी पूर्व विधायक अनिल शर्मा व पूर्व विधायक रामजन्म शर्मा शिरकत करनेवाले थे.  लेकिन उद्घाटन के अवसर पर मात्र उद्घाटनकर्ता बिहार सरकार के कला, संस्कृति व युवा मंत्री जितेंद्र कुमार राय व स्थानीय विधायक सन्दीप सौरभ के अलावे अन्य किसी अतिथियों को नही पहुंचने से महोत्सव का रंग फीका पड़ गया. 

वही उद्घाटन के अवसर पर दर्शको के लिए लगाई गई कुर्सियां भी खाली रह गयी. इसी बीच कला, संस्कृति व युवा मंत्री जितेंद्र राय ने स्थानीय लोगो के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर महोत्सव की शुरुआत कराया. वही इस मौके पर रोहित नारायण सिंह द्वारा रचित "उलार सूर्य मंदिर धाम: एक ऐतिहासिक दृष्टिकोण" नामक पुस्तक का विमोचन किया गया. इस कार्यक्रम की मौके पर पालीगंज विधायक डा संदीप सौरभ, उलार्क सूर्य मन्दिर के संरक्षक सह महंत अवध बिहारी दासजी महाराज, जिला पार्षद सर्वेश कुमार यादव, मुखिया अरबिंद कुमार मौर्य व पालीगंज एसडीओ जयचन्द्र यादव मौजूद थे. 

पालीगंज से अमलेश की रिपोर्ट

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