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डीजीपी ने कहा था - अपराधियों को दौड़ाओ, यहां पुलिस खुद भाग रही, दो माह में 30 से ज्यादा बार हमले

डीजीपी ने कहा था - अपराधियों को दौड़ाओ, यहां पुलिस खुद भाग रही, दो माह में 30 से ज्यादा बार हमले

PATNA : दो माह पहले बिहार के डीजीपी की कमान संभालने के बाद आरएस भट्टी ने अपनी पहली बैठक में पुलिसकर्मियों को यह गुरू मंत्र दिया था कि वह अपराधियों को दौड़ाएं, तो वह अपराध कम करेंगे। अगर आप नहीं दौड़ाए तो वह आपको दौड़ाएगा। चुन लीजिए दोनों में से क्या करना है? मैं देखूंगा कि आप क्रिमिनल को दौड़ा रहे हो या नहीं। अब पुलिस अपराधियों को दौड़ा पाने में कामयाब नहीं हो पा रही है, लेकिन अपनी जान बचाने के लिए हर दिन भागती नजर आ रही है। 

पिछले कुछ माह में पुलिस पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ी है। पुलिस हेडक्वार्टर के अनुसार वर्ष 2020 में ऐसी 340 घटनाएं हुईं थीं, जो 2022 में बढ़कर 450 हो गई। इनमें 30 घटनाएं नए डीजीपी के कमान संभालने के बाद हुई है। पुलिस ने कहीं भागकर जान बचाई तो कहीं जमकर पिटी है। एक माह में ही पुलिस 16 बार पीट चुकी है। समस्तीपुर में 2 बार पुलिस पर हमला हो चुका है। जमुई में 3 बार पुलिस पर हमला हुआ। बांका, अररिया, बेगूसराय और सहरसा में भी दो-दो बार पुलिस पर हमला हुआ है। पटना में जहां पुलिस मुख्यालय है, यहां पुलिस 4 बार पीट चुकी है। हालांकि  पुलिस का दावा है कि पुलिस पर हमले में 6 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 

70 से अधिक मौत के बाद 20 दिसंबर 2022 डीजीपी बनने वाले आर एस भट्‌टी के सामने कई बड़ी चुनौती थी। कड़क अफसर की तैनाती से आम लोगों के बीच ही नहीं पुलिस विभाग में भी इकबाल बुलंद होने की चर्चा होने लगी थी। अब आंकड़ों की बात करें तो 20 दिसंबर से अब तक 30 से अधिक बार पुलिस पर छोटे- बड़े हमले हो चुके हैं।

बिहार कैडर के 1990 बैच IPS राजविंदर सिंह भट्टी मूल रूप से पंजाब के हैं। बाहुबली शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी में भूमिका को लेकर वह जनता में खास हो गए। वह पटना के सिटी एसपी के साथ सीवान, पूर्णिया सहित कई अन्य जिलों में एसपी रह चुके हैं। बीएसएफ में पूर्वी कमान के एडीजी के पद से बिहार के डीजीपी की कमान संभालने वाले ऐसे पुलिस अफसर को लेकर उम्मीद थी कि वह बिहार में क्रिमिनल्स का सफाया कर देंगे। नए डीजीपी को लेकर अपराध से हांफ रहे बिहार में बदलाव की उम्मीद जगी, लेकिन 60 दिन बाद कुछ नहीं बदला। 

पुलिस पर लगातार हो रहे हमले को लेकर पूर्व डीजीपी अभयानंद ने कहा कि पुलिस की दिशा ही बदल गई है। वह ट्रेडिशनल काम करे तो पुलिस का भरोसा फिर से जीत पाएगी, क्योंकि कानून से लोगों का भरोसा कम हो गया है। यह भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। ऐसी घटनाओं पर मंथन करने की जरुरत है। अगर समय से समाधान नहीं खोजा गया तो बड़ी चुनौती होगी। पुलिस पब्लिक के बीच मतभेद दूर करने की जरुरत है। सिर्फ एफआईआर करना ही समाधान नहीं होता है।

शराब पकड़ने में लगा रहे एनर्जी, दूसरे अपराध पर ध्यान नहीं

पुलिस की सारी ऊर्जा अब शराब वाले क्राइम पर है। ऐसे में जो उसका काम है, वह छूट रहा है। शराब पीने को क्राइम बना दिया गया और पूरी एनर्जी उसी में लगा दी गई है। इससे जो बाकी के अपराध हैं, वह बढ़ रहे हैं। पुलिस जब तक अपना काम नहीं करेगी तब तक ऐसे ही जनता का विश्वास खोती रहेगी। 

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