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राजभवन और केके पाठक के विभाग में तकरार और बढ़ी, राज्यपाल की बैठक में नहीं पहुंचे अपर मुख्य सचिव, अब क्या होगा...

राजभवन और केके पाठक के विभाग में तकरार और बढ़ी, राज्यपाल की बैठक में नहीं पहुंचे अपर मुख्य सचिव, अब क्या होगा...

पटना- राजभवन और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक में विवाद गहराता जा रहा है. दरअसल 15 मार्च को शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों की बैठक बुलाई थी , जिसमें कोई नहीं पहुंचा तो शिक्षा विभाग ने ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों के वेतन रोक दिया . इतना हीं नहीं केके पाठक के विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के बैंक खातों के संचालन पर भी प्रतिबंध लगा दिया . तो राजभवन ने 20 मार्च को बैठक बुलाई.

राजभवन की बैठक में नहीं शामिल हुए केके पाठक

राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच टकराव के बीच अब 20 मार्च को राजभवन ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति और पदाधिकारियों की बैठक हुई .राजभवन की बुधवार की हुई बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक नहीं पहुंचे. राजभवन की बैठक में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने खाली  पदों पर बहाली, बैंक खाता संचालन, अंकेक्षण आपत्ति का निराकरण करने के निर्देश कुलपतियों और विशविद्यालय के पदाधिकारियों को दिया. 

कुलपतियों ने कुलाधिपति को बताई अपनी समस्या

वहीं, कुलपतियों ने कुलाधिपति सह राज्यपाल को अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि खाता संचालन पर शिक्षा विभाग की रोक से कामकाज प्रभावित हो रहा है. राजभवन में आयोजित बैठक में राज्यपाल ने शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय के कुलपतियों को निर्देश दिया है कि शिक्षकों के रिक्त पदों पर शीघ्र बहाली हो. राज्यपाल सह कुलाधिपति ने कहा कि शिक्षकों और  शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के दिन ही सेवांत लाभ का भुगतान कराएं और विश्वविद्यालय के  बैंक खातों के संचालन, अंकेक्षण आपत्ति को लेकर कई निर्देश दिए.

शिक्षा विभाग की ओर से सचिव हुए शामिल

राजभवन की बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को भी बुलाया गया था, लेकिन वह इसमें सम्मलित नहीं हुए. शिक्षा  विभाग की ओर से सचिव वैद्यनाथ यादव बैठक में शामिल हुए. शिक्षा विभाग की कार्रवाई से विश्वविद्यालय के कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं, जो विद्यार्थियों के हित में नहीं हैं. शिक्षा विभाग ने कुलपति और विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है. विवि के खाता संचालन पर रोक लगा दी गई है. राजभवन के बिना संज्ञान में लाये विवि में बार-बार अंकेक्षण कराया जा रहा है. राज्यपाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में उनके प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा राज्यपाल सचिवालय के पदाधिकारी उपस्थित रहे.

शिक्षा विभाग कार्रवाई से हड़कंप

बता दें 15 मार्च  को विभाग द्वारा आयोजित बैठक में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों शामिल नहीं होने पर शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की . बता दे राजभवन ने कुलपति समेत विश्वविद्याय के अन्य पदाधिकारियों को बिना उसकी अनुमति के हेडक्वार्टर नहीं छोडने का निर्देश दिया था.शिक्षा विभाग के इस कदम के बाद राजभवन और शिक्षा विभाग में तल्खी बढ़ गई .  

चौथी बार शिक्षा विभाग ने बुलाई थी बैठक

सबसे पहले भी शिक्षा विभाग ने 28 फरवरी को बैठक बुलाई थी. आर्यभट्ट विवि के रजिस्टार ने राजभवन से बैठक में शामिल होने को लेकर मार्गदर्शन मांगा तो राजभवन ने बिना उसकी अनुमति के बैठक में भाग लेने पर मनाही कर दी. इस तरह केके पाठक ने से चार बार विश्वविद्यालयों के कुलपतियों-कुलसचिवों की बैठक बुलाई, लेकिन राजभवन की ओर से इस बैठक में शामिल होने से कुलपति और अन्य यूनिवर्सिटी पदाधिकारियों को रोक दिया गया. जिसके कारण एसीएस केके पाठक की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में कोई नहीं आ रहा है .शिक्षा विभाग की ओर से विश्वविद्यायों में लंबित परीक्षा की समीक्षा के लिए कुलपतियों, कुल सचिवों और परीक्षा नियंत्रकों की बैठक बुलाई थी, जिसमें सूबे के किसी किसी भी विश्वविद्यालयों के कुलपति और पदाधिकारियों ने शिरकत नहीं किया.




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