कोरोना काल के जल्लाद! पटना के 'साईं' अस्पताल का चेहरा हुआ बेनकाब, दवा दुकान मालिक पर केस दर्ज

PATNA: कोरोना संकट में निजी अस्पताल प्रबंधन मरीजों को लूट रहा है। निजी अस्पताल प्रबंधन के लिए कोरोना का यह आपदा नहीं बल्कि अवसर आ गया है।अब तक पटना के कई बड़े अस्पतालों का क्रूर चेहरा सामने आ चुका है । दानापुर का समय अस्पताल हो या फिर कंकड़बाग का श्याम अस्पताल हो या साईं अस्पताल। अधिकांश अस्पताल प्रबंधन मरीजों को लूट रहे हैं।
ताजा मामला पटना के कंकड़बाग के साईं अस्पताल से जुड़ा है। ड्रग डिपार्टमेंट की टीम ने सोमवार को साई अस्पताल के साईं मेडिकल में छापेमारी की। दुकान में मिले कागजात से स्पष्ट हुआ कि रेमडेसिवीर इंजेक्शन को अधिक दामों पर बेचा गया है। साईं अस्पताल के साईं मेडिकल में प्रति वाईल ₹3000 का इंजेक्शन ₹4000 में बेचा जा रहा था। साईं अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजन ने जिला प्रशासन से शिकायत की थी की साईं अस्पताल परिसर में अवस्थित साईं मेडिकल अधिक कीमत पर इंजेक्शन बेच रहा है। इसके बाद जांच की गई।
कंकड़बाग थाने में दर्ज एफ आई आर में ड्रग इंस्पेक्टर राजेश राज ने लिखा है कि रेमडेसीविर जीवन रक्षक की श्रेणी में आता है। एमआरपी से अधिक कीमत पर बेचना कालाबाजारी है। कंकड़बाग थाने में दवा दुकान मालिक आशुतोष सिंह और फार्मासिस्ट लक्ष्मण झा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। कंकड़बाग पुलिस ने केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है। ड्रग डिपार्टमेंट की टीम साईं अस्पताल परिसर में कई घंटों तक रही। इस दौरान मेडिकल के मालिक उपस्थित नहीं हुए । जांच टीम वहां से कई कागजात उठा कर ले गयी। टीम ने आठ बिल को जांच के लिए लिया जिसमें पाया गया कि अस्पताल ने पूरन एजेंसी से 72 वायल इंजेक्शन खरीदा था लेकिन मरीजों को ऊंची कीमत में बेचा गया ।