Patna : एसटीईटी की रद्द परीक्षा तथा पुनर्परीक्षा का सिलेबस जारी करने को लेकर आंदोलनरत अभ्यर्थियों पर बिहार बोर्ड ने कोतवाली थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है। कोतवाली थाने में दर्ज एफआईआर में छात्रों के विरूद्ध सरकारी काम मे बाधा तथा आपदा प्रबंधन कानून के तहत कोरोना महामारी के दौरान प्रदर्शन करने का आरोप लगाया गया है।
बता दें एसटीईटी की रद्द परीक्षा को लेकर आक्रोशित छात्र बिहार बोर्ड के चेयरमैन आनंद किशोर से मिलने की मांग पर अड़े थे।
इधर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा की गई इस कार्रवाई पर बीएड उतीर्ण छात्र संघर्ष समिति ने विरोध प्रकट किया है। समिति के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने तत्काल छात्रों के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी वापस लेने की मांग की। उन्होंने बाहर बोर्ड के इस रवैये को तानाशाही बताया है। दीपांकर ने चेतवानी देते हुए कहा है कि यदि छात्रों पर दर्ज एफआईआर वापस नही लिया गया तो पूरे बिहार में जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा
क्या है मामला
बता दें एसटीईटी 2019 की परीक्षा 28 जनवरी 2020 को बिहार के अलग अलग जिलों में आयोजित किया गया था, परीक्षा का आंसर की भी जून में बिहार बोर्ड द्वारा जारी कर दिया गया था। उसके बाद बिहार बोर्ड ने परीक्षा में धांधली तथा प्रश्न सिलेबस के बाहर पूछे जाने को लेकर परीक्षा को रद्द कर दिया। उसके बाद अभ्यर्थी आक्रोशित हो उठे।
अभ्यर्थी अनंत प्रकाश ऋषव ने बताया कि बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर द्वारा परीक्षा के तुरंत बाद कदाचारमुक्त परीक्षा की बात की गई थी, बाबजूद छः महीने बाद परीक्षा रद्द कर दी गयी।