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अब घुसपैठियों की खैर नहीं, अंतिम एनआरसी के बाद मताधिकार से होंगे वंचित!

अब घुसपैठियों की खैर नहीं, अंतिम एनआरसी के बाद मताधिकार से होंगे वंचित!

NEW DELHI :  अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सरकार सख्त हो गई है। एनआरसी की अंतिम सूची में जिनका नाम नहीं होगा उन्हें मताधिकार से वंचित किया जा सकता है। अधिकारियों ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची में जिन लोगों के नाम नहीं होंगे, उनसे मताधिकार वापस लिया जाना पहला संभावित कदम हो सकता है। 

शीध्र होगी एनआरसी का प्रकाशन

एनआरसी में दावों और आपत्ति की अवधि के आगामी कुछ दिनों में समाप्त हो जाने के बाद इसकी अंतिम सूची प्रकाशित होगी। असम के नागरिकों की सूची में अपने नाम शामिल करने के लिए करीब 10 लाख लोगों ने ही आवेदन किए हैं जबकि एनआरसी मसौदा में कुल 40 लाख लोगों के नाम नहीं थे। उन लोगों ने प्रासंगिक दस्तावेज जमा कर दावा किया कि वे भारत के नागरिक हैं। 

एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति भारतीय नागरिकता से संबंधित दस्तावेज नहीं पेश करता तो मताधिकार वापस लिया जाना पहला संभावित कदम हो सकता है। हालांकि ऐसे लोगों के संबंध में अंतिम फैसला उच्चतम न्यायालय द्वारा लिया जाना है जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं।

नागरिकता साबित करना जरुरी

 न्यायालय असम के व्यापक अभियान की निगरानी कर रहा है। न्यायालय के दिशानिर्देशों के बाद मसौदा एनआरसी के संबंध में दावे और आपत्तियां दाखिल करने की प्रक्रिया 25 सितंबर को शुरू हुयी और यह 15 दिसंबर को समाप्त होगी। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जिन लोगों के नाम मसौदा एनआरसी में नहीं थे उन्हें अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए पर्याप्त अवसर दिए गए। उन्होंने कहा कि अगर कुछ लोग एनआरसी में अपने नाम दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आ रहे तो इसका अर्थ है कि उनके पास पर्याप्त दस्तावेज नहीं हैं।

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