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उड़ने वाले नाग ने कर दिया हैरान-परेशान ! 'तक्षक' ने पुख्ता कर दिये सतयुग के प्रमाण?, वन विभाग अधिकारी हुए हैरान…

उड़ने वाले नाग ने कर दिया हैरान-परेशान ! 'तक्षक' ने पुख्ता कर दिये सतयुग के प्रमाण?, वन विभाग अधिकारी हुए हैरान…

बेतिया- दुनिया में वैसे तो सांपों की  हजारों प्रजातियां पाई जाती हैं लेकिन आज प•चम्पारण के इंडो नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकीनगर के टंकी बाजार स्थित संजय पटेल नामक व्यक्ति के घर से एक ऐसे दुर्लभ सांप का रेस्क्यू किया गया जो तक्षक नाग के समूह के अंतर्गत आता है। 

उड़ने वाले इस सांप को ऑर्नेट फ्लाइंग स्नेक कहा जाता है। वीटीआर में इसकी संख्या काफी कम है और यह मॉनसून के दौरान हीं देखने को मिलता है। 

इस पूरी कार्रवाई को देखने के लिए बाजार में मजमा लगा रहा। इस सांप को जैसे ही छोड़ा गया। यह जाकर पेड़ पर बैठ गया। इस उड़ने वाले सांप को ऑर्नेट फ्लाइंग स्नेक कहा जाता है. यह कम जहरीला सांप होता है। यह सांप अब खतरे वाली प्रजातियों में शामिल है.

दो वर्ष पहले इस सांप को जटाशंकर शिव स्थान पर देखा गया था तबसे वनकर्मी इसका दीदार करने को तरस रहे थे, क्योंकि यह दिखने में काफी सुंदर होता है और कम जहरीला होता है। भारतीय वन्य जीव संस्थान NMCG के फील्ड असिस्टेंट मुकेश कुमार और उनके सहयोगी सुनील कुमार द्वारा इस सांप का रेस्क्यू कर वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया।

 मुकेश कुमार ने बताया की यह सांप काफी दुर्लभ होता है और जल्दी दिखाई नहीं पड़ता। पेड़ों पर रहने वाला यह सांप ज्यादा जहरीला नहीं होता है और यह उड़कर एक डाली से दूसरे डाली पर पहुंचता है। अमूमन इसे बरसात के मौसम में देखा जाता है।

हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, तक्षक नागों में से एक नाग कश्यप का पुत्र था और कद्रु के गर्भ से उत्पन्न हुआ था.

 श्रृंगी ऋषि का शाप पूरा करने के लिये इस तक्षप सांप ने राजा परीक्षित को काटा था. जिससे उनकी मौत हो गई थी. 

इसी कारण परीक्षित के पुत्र राजा जनमेजय ने संसार भर के नागों का नाश करने के लिये नागयज्ञ आरंभ किया, जिससे डर कर तक्षक इंद्र की शरण में चला गया . बता दें की नागों में शेषनाग सबसे बड़े, वासुकी दूसरे और तक्षक तीसरे भाई हैं. जब शेषनाग भगवान विष्णु की शरण में गए तब उन्होंने वासुकी का राजतिलक करवा दिया और उन्हें नागलोक का राज्य सौंप दिया गया.

 वासुकी ने कई वर्षों तक नागलोक पर शासन किया और भगवान शिव की सेवा के लिए अपने बड़े भाई शेषनाग की तरह ही राजपाट त्याग दिया और नागलोक से जाते जाते उन्होंने अपने छोटे भाई तक्षक का राजतिलक करवा दिया .

रिपोर्ट - आशीष कुमार

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