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सीतामढ़ी में सरकारी डॉक्टर के बेटे ने अपनी भाभी की गोली मारकर की हत्या, इस वजह को बताया जा रहा है कारण

सीतामढ़ी में सरकारी डॉक्टर के बेटे ने अपनी भाभी की गोली मारकर की हत्या, इस वजह को बताया जा रहा है कारण

SITAMADHI : जिले के एक बड़े डॉक्टर के बेटे ने अपने ही भाभी की गोली मारकर हत्या कर दी। उक्त घटना मेहसौल थाने के फिजिकल गली में हुई है। मामले में आरोपी डॉक्टर के बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना के बाद फिजिकल गली समेत शहर में सनसनी फैली हुई है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने नशे की हालत में घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने उसका मेडिकल कराने के लिए सदर अस्पताल भेजा है। 

मामले में पुलिस ने बताया कि घटना जिले के चर्चित चिकित्सकों में शामिल डॉ. अनिल सिंह के आवास पर हुई है। यहां अपने बड़े भाई अभिषेक सिंह की पत्नी और रिश्ते में  भाभी मेधा सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी है।  पुलिस ने बताया कि हत्या का कारण पारिवारिक विवाद है। 

पांच लाख का था विवाद

मामले में अब तक जो बात सामने आई है उसमें पैसे को लेकर विवाद को हत्या का कारण बताया जा रहा है। मृतक मेधा सिंह की मां की मानें तो आशु ने अपनी मां के कहने पर भाभी को गोली मारी है। इसके पीछे 5 लाख का विवाद है। उन्होंने बेटी से सुबह ही बात हुई थी। उसने अपनी सास की शिकायत की थी। मृतका के पिता ने बताया कि हम गरीब परिवार से हैं। इसको लेकर बराबर ताना दिया जाता था। 


डकैती की गढ़ी गई कहानी

मेघा की मां सरिता देवी का कहना था कि ससुरालियों ने उन लोगों को जानकारी दी कि घर में डकैती हुई है। जिसमें डकैतों ने आपकी बेटी को गोली मार दी है। हम लोग बहू को इलाज के लिए नाहर चौक पर डा. सुनील ङ्क्षसह के नर्सिंग होम में लेकर जा रहे हैं। हालांकि, भारी भीड़ के बीच पुलिस ने जब घर के अंदर छानबीन की तो गोली चलने या खून के छींटे वगैरह कहीं दिखाई नहीं पड़े।

बेरोजगार युवक से की थी बेटी की शादी

सहियारा थाने के पोखर ङ्क्षभडा गांव निवासी सोहन कुमार सिंह की पुत्री मेघा दो भाईयों के बीच इकलौती बहन थी। पुरनहिया थाने के चिरैया बराही जगदीश गांव में डाक्टर अनिल सिंह के बड़े बेटे अभिषेक कुमार सिंह से उसकी शादी हुई थी। शहर के सीटीआर होटल में 14 जुलाई, 2016 को बड़े धूमधाम से हुई इस शादी समारोह में तमाम गण्यमान्य भी मौजूद थे। मेघा के पिता प्राइवेट कार्य करते हैं लेकिन, बेटी की खुशी की खातिर डाक्टर परिवार चुनकर उसके हाथ पीले किए थे। डाक्टर के नाम पर ही उन्होंने अपनी बेटी ब्याही थी वरना दामाद कोई काम नहीं करता है। लेकिन पांच साल में सारी खुशियां बिखर गई। मृतका का एक चार साल का बेटा भी है।

 डॉक्टर ने कहा- मुझे पता नहीं क्या हुआ

मामले में जबमौके पर मौजूद डॉक्टर अनिल सिंह से पूछा गया तो उन्होने बताया क इन सब बातों की कोई जानकारी नहीं है। घटना की सूचना उन्हें अपने कम्पाउण्डर से मिली है। बता दें कि डाक्टर अपने आवास पर ही जियालाल कलावती हास्पीटल चलाते हैं तथा पुरनहिया में सरकारी अस्पताल में पदस्थापित हैं। डाक्टर को दो ही बेटे हैं। मेघा को चार साल का इकलौता पुत्र है। उसका नाम आर्यन है। 

इस संबंध में डीएसपी रामाकांत उपाध्याय ने कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है। तत्काल उसके देवर को हिरासत में ले लिया गया है। पूछताछ के बाद ही अधिक जानकारी मिलेगी।


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