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राहुल गांधी की सजा पर रोक नहीं लगाने वाले जज का पटना हाईकोर्ट में तबादला, गुजरात दंगा आरोपी भाजपा नेता के बचाव वकील दल में थे शामिल

राहुल गांधी की सजा पर रोक नहीं लगाने वाले जज का पटना हाईकोर्ट में तबादला, गुजरात दंगा आरोपी भाजपा नेता के बचाव वकील दल में थे शामिल

पटना. गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हेमंत एम प्रच्छक का तबादला पटना उच्च न्यायालय में किया जायेगा. उन्होंने हाल ही में मोदी उपनाम से जुड़े आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. सनद रहे कि सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने 23 जजों का तबादला करने की सिफारिश की है. सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम की सिफारिश के तहत न्यायमूर्ति हेमंत एम प्रच्छक को पटना उच्च न्यायालय भेजा जा रहा है.

गुजरात के तीन अन्य न्यायमूर्तियों का भी हुआ तबादल : न्यायमूर्ति हेमंत एम प्रच्छक के अलावा कॉलेजियम ने गुजरात उच्च न्यायालय से तीन अन्य न्यायाधीशों के स्थानांतरण की भी सिफारिश की है, जिनमें न्यायमूर्ति गीता गोपी शामिल हैं. न्यायमूर्ति गीता गोपी ने मानहानि मामले में दोषसिद्धि के ख़िलाफ़ राहुल गांधी की अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया था. तीन अगस्त की कॉलेजियम की बैठक में नौ न्यायाधीशों और 10 अगस्त की बैठक में 14 न्यायाधीशों के तबादले की सिफ़ारिश की गई है.

कॉलेजियम की फेहरिस्त में न्यायमूर्ति समीर दवे भी शामिल हैं. इन्होनें सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. न्यायमूर्ति समीर दवे ने हाल ही में एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति की याचिका पर सुनवाई करते हुए 'मनुस्मृति' का संदर्भ का उल्लेख किया था. इसपर खासा विवाद भी हुआ था.

न्यायमूर्ति समीर दवे को राजस्थान उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया जाएगा जबकि न्यायमूर्ति गीता गोपी को मद्रास उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया जाएगा. गुजरात उच्च न्यायालय के एक अन्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अल्पेश वाई कोग्जे को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया जाएगा.

तीन अन्य राज्यों के जजों का भी हुआ तबादला : इसके साथ ही कॉलेजियम ने इलाहाबाद, गुजरात और पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालयों से न्यायाधीशों के स्थानांतरण की भी सिफारिश की है. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से न्यायमूर्ति एएस सांगवान, अवनीश झिंगन, आरएम सिंह और अरुण मोंगा को क्रमशः इलाहाबाद, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित किया जाएगा. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश वीके सिंह को मद्रास उच्च न्यायालय स्थानांतरित किया जाएगा.

गुजरात सरकार के सहायक अधिवक्ता रह चुके है न्यायमूर्ति प्रच्छक : बताते चलें कि न्यायमूर्ति हेमंत एम प्रच्छक 2002 के गुजरात दंगों के मामले में आरोपी रहे पूर्व भाजपा के मंत्री माया कोडनानी का बचाव करने वाले वकीलों की टीम का हिस्सा रह चुके हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार न्यायमूर्ति प्रच्छक ने कथित तौर पर गुजरात उच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में शुरुआत की थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के अधीन गुजरात सरकार के सहायक वकील के रूप में भी काम किया था. वर्ष 2015 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद उन्हें गुजरात उच्च न्यायालय के लिए केंद्र सरकार का स्थायी वकील नियुक्त किया गया था. वह 2019 तक इस पद पर बने रहे और वर्ष 2021 में उन्हें गुजरात उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त किया गया.


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