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बिहार में बीजेपी के सांसद ने जिसे हराया था उसी को नेतृत्व ने दे दिया टिकट,बेचारे अब प्रचार करेंगे या विद्रोह...वक्त-वक्त की बात है

बिहार में बीजेपी के सांसद ने जिसे हराया था उसी को नेतृत्व ने दे दिया टिकट,बेचारे अब प्रचार करेंगे या विद्रोह...वक्त-वक्त की बात है

मुजफ्फरपुर: बिहार में भाजपा ने 17 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. तीन सांसदों का टिकट कट गया है इनमें मुजफ्फरपुर सीट से भाजपा सांसद अजय निषाद की टिकट कट गई.

मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट का लगातार दो बार प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री जय नारायण प्रसाद निषाद के बेटे सांसद अजय निषाद की जगह भाजपा ने राजभूषण चौधरी निषाद को अपना उम्मीदवार बनाया है. सबसे दिलचस्प है कि राजभूषण चौधरी निषाद को साल 2019 में भाजपा प्रत्याशी अजय निषाद ने 4 लाख 8 हजार 237 मतों के अंतर से हराया था.

अजय निषाद पर नाकामी का लग रहा था टैग

साल 2014 और साल 2019 यानी दो  बार मुजफ्फरपुर के  सांसद रहे अजय निषाद व्यक्तिगत रूप से पार्टी और क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाने में सफल नहीं हुए. निषाद समाज भी उनसे छिटकता हुआ दिख रहा था. मुजफ्परपुर वासियों की दो अहम मांगहवाई अड्डा का निर्माण और एसकेएमसीएच को एम्स का दर्जा दिलाने में अजय निषाज को नाकामी हीं मिला.  रेलवे बोर्ड का सदस्य होने के बावजूद मुजफ्फरपुर को वंदे भारत ट्रेन सहित कई बड़ी ट्रेन की सौगात वे नहीं दिला सके. इससे मुजफ्फरपुरवासियों में उनको लेकर नाराजगी थी.

अब क्या करेंगे अजय निषाद

 मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी छोड़ कर भाजपा का दामन थामने वाले  राजभूषण चौधरी निषाद को पार्टी ने सिंबल दिया है. दिलचस्प है कि जिस अजय निषाद ने राजभूषण को भारी मतो से हराया था वहीं अब उनका प्रचार करेंगे. कल तक प्रतिद्वंद्वी रहे राजभूषण के लिए अब अजय निषाद जनता से वोट मांगेंगे. राजभूषण को यहां पहचान का भी खतरा है. उनपर बाहरी होने का टैग लग सकता है. अजय निषाद के सामने द्वंद्व की स्थिति है . एक तो टिकट नहीं मिला और दीसरा जिसे उम्मीदवार बनाया गया है उसे उन्होंने भारी मतो से परास्त किया है. ऐसे में अजय निषाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की बात मान कर डॉ राजभूषण चौधरी का प्रचार करेंगे या बगावत का झंड़ा बुलंद करेंगे 

लोगों का वर्तान सांसद ने क्यों हुा मोह भंग

मुजफ्फरपुर सीट पर 17.3 लाख मतदाता हैं, जिसमें सवर्ण मतदाता साढ़े तीन लाख, यादव पौने दो लाख, मुस्लिम दो लाख और वैश्य सवा दो लाख हैं.इनके अलावा मुजफ्फरपुर में अन्य पिछड़े वर्ग की संख्या भी कमतर नहीं है. कथित तौर पर सांसद अजय निषाद के विरुद्द जनता में गुस्सा था. मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें हैं.  वीआईपी प्रत्याशी रहे राजभूषण चौधरी के लिए पहचान का खतरा है. वहीं अजय निषाद से लोगों का मोह भंग होता दिख रहा था.

बहरहाल मुजफ्फरपुर में जिस अजय निषाद ने डॉ राजभूषण चौधरी को बारी मतो से हराया था अब वे उनके पक्ष में वोट मांगते दिखने वाले हैं. कहा जाता है राजनीति में न कोई स्थायी दोस्त होता है और न हीं स्थायी दुश्मन. अब सबसे बड़ा सवाल है कि कि क्या अजय निषाद डॉ राजभूषण का चुनाव में प्रचार करेंगे या  बगावती तेवर अपनाएंगे.


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