RTO से स्कूटी के लिए जारी नंबर बन गई मुसीबत, युवती का घर से निकलना हुआ मुश्किल

NEW DEHLI : कॉलेज में जाने की खुशी, वह भी अपनी नई स्कूटी पर। यह अलग खुशी देती है। लेकिन दिल्ली के एक युवती के लिए उसकी नई स्कूटी ही परेशानी का कारण बन गई है। यह परेशानी गाड़ी में किसी खराबी के कारण नही, बल्कि गाड़ी के लिए आरटीओ से जारी नंबर प्लेट के कारण उत्पन्न हुई है। अब स्थिति यह है इस नंबर प्लेट के कारण युवती का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। परिवार के लोग भी परेशान हैं और नंबर प्लेट बदलने की मांग की जा रही है। 

मामला दिल्ली की एक कॉलेज जाने वाली छात्रा से जुड़ा हुआ है. उस लड़की का काल्पनिक नाम अंजली है। अंजली दिल्ली के एक मध्यम परिवार की लड़की है. पिछले महीने उसका जन्मदिन था। उसने अपने पिता से बर्थडे गिफ्ट के तौर पर स्कूटी की डिमांड कीष क्योंकि प्रीति अब कॉलेज जाने लगी है इसलिए प्रीति के पिता ने उसके लिए दिल्ली के स्टोर से स्कूटी बुक कर दी। घर में उसके लिए नई स्कूटी भी आ गई। लेकिन परेशानी इसके बाद शुरू हुई।

आरटीओ के नंबर में था कुछ ऐसा

इस स्कूटी के लिए आरटीओ से जो नंबर जारी किया गया। वह युवती और उसके परिवार के लिए परेशानी बन गई है। . दरअसल गाड़ी को आरटीओ की तरफ से जो नंबर मिला उसके बीच के अंको में S.E.X अल्फाबेट्स थे। गाड़ी पर नंबर प्लेट लगाने गए युवती के भाई को ज़रा भी अंदाजा नहीं था कि ये तीन शब्द उनके परिवार की दिक्कतें बढ़ाने वाले हैं। क्योंकि गाड़ी की नंबर प्लेट पर लिखे S.E.X. अल्फाबेट्स कई लोगों को अटपटा लगने लगा. फिर क्या होना था। रास्ते में आने-जाने वाले कई लोगों ने प्रीति के भाई पर फब्तियां कसनी शुरू कर दीं.

प्रीति के भाई ने घर लौटकर ये सारी बातें परिवार को बताई जिसे सुनकर प्रीति डर गई. जिसके बाद प्रीति ने अपने पिता से गाड़ी का नंबर बदलवाने की बात कही। लोगों के तानों से बचने के लिए प्रीति का अब घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है. 

दस हजार लोगों को बांटे गए ऐसे नंबर

मामले में दिल्ली आरटीओ का कहना है कि जो नंबर अलॉट किए गए है, वह सीरीज में है और दस हजार गाड़ियों को अलॉट किए गए हैं। कमिश्नर ऑफ दिल्ली ट्रांसपोर्ट के.के दहिया का कहना है कि एक बार गाड़ी का नंबर अलॉट होने के बाद उसे बदलवाने का अब तक कोई प्रावधान नहीं है क्योंकि ये सारी प्रक्रिया एक  सेट पैटर्न पर चलती है।