नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के दौरान बिजनौर लोकसभा सीट से बसपा प्रत्याशी मलूक नागर ने अपने नामांकन में बताया था कि उनके पास 294 करोड़ रुपए की संपत्ति है. चुनाव जीतने के बाद वे 2019 में निर्वाचित देश के सबसे अमीर सांसद बने थे. उन्होंने मायावती की पार्टी बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता था. अब एक बैंकिंग देनदारी नहीं चुकाने के चक्कर में बैंक ने उनकी संपत्ति जब्त कर ली है.
लोकसभा चुनाव में सबसे अमीर प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल करने वाले नागर ने बताया था 294 करोड़ रुपये की संपत्ति है लेकिन उन पर देनदारी भी 101 करोड़ 61 लाख की है. देनदारी के ऐसे ही एक मामले में नागर की संपत्ति भारतीय स्टेट बैंक ने जब्त की है.
बैंक ने एक विज्ञापन निकालकर बताया है कि मलूक नागर और भाई राजवीर नागर जो गारंटर थे उनकी संपत्ति जब्त की गई है. 12 जून 2017 को बैंक द्वारा उन्हें नोटिस जारी कर 60 दिन में 53 करोड़ 65 लाख 7 हजार 866 रुपये देनदारी भुगतान करने को कहा गया था. नागर ने अब तक इसका भुगतान नहीं किया. साथ ही देनदारी राशि भी बढती गई जिसके बाद बैंक ने उनकी संपत्ति जब्त की है.
बैंक द्वारा नागर डेयरी सहित दोनों भाइयों की मेरठ तथा हापुड़ जिले की संपत्ति को 9 दिसंबर को कब्जा में ले लिया. नागर बड़े व्यवसायी बताये जाते हैं. वे नोएडा सहित कई शहरों में रियल एस्टेट का कारोबार से जुड़े रहे हैं लेकिन सांसद बनने के बाद से उन्होंने खुद को इन कम्पनियों से अलग कर लिया. अब बैंक द्वारा की गई कार्रवाई के बाद नागर ने इसके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई करने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं.