विपक्षी एकता की हकीकत.. ! 'केजरीवाल' तुरंत लाभ के फेरा में तो 'नीतीश' 2024 में फायदा लेने की फिराक में

PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर उनसे मुलाकात की है। दोनों के बीच मुलाकात में विपक्षी गोलबंदी पर चर्चा की बजाय केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के लिए लाए गए अध्यादेश पर चर्चा हुई। यूं कहें कि नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल दोनों अपने-अपने हित साधने में जुटे हैं. अरविंद केजरीवाल 2024 का इंतजार करना नहीं चाहते. वे तुरंत फायदा लेना चाहते हैं,लिहाजा संपूर्ण विपक्ष की गोलबंदी की वकालत कर रहे. केजरीवाल केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के लिए लाये गए अध्यादेश जिसे कुछ समय बाद संसद में पेश किया जाना है, उसे पास नहीं होने देने को लेकर विपक्षी गोलबंदी चाहते हैं. वहीं नीतीश कुमार 2024 की बात कर रहे. 

केजरीवाल से मुलाकात के बाद नीतीश ने क्या कहा....

 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अब आप संविधान को देख लीजिए कि क्या अधिकार है. जब सरकार बनती है तो उनको जो अधिकार दिया गया है, उसे कैसे हटा सकते हैं?  ऐसा तो कुछ नहीं है. लेकिन अब किस तरह से हो रहा है. इसलिए तो हम कह रहे हैं कि  देश में सभी विपक्षी दल एकजुट हों . ताकि वे लोग(केंद्र) संविधान को इधर से उधर नहीं कर सके. आज किस तरह से माहौल बन रहा है. दिल्ली में जनता ने इनको (केजरीवाल) बहुमत दिया है. हम लोग इस बात को मानते हैं कि अरविंद केजरीवाल बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट का भी फैसला हुआ है. राज्य सरकार का जो अधिकार है काम करने का, उसको आप रोक दीजिएगा ?

राज्यसभा में केंद्र को हरायें 

वहीं अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज की बैठक में डिटेल में चर्चा हुई और इन्होंने समर्थन जाहिर किया . इन्होंने आश्वस्त किया कि वे दिल्ली के साथ हैं.केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के साथ केंद्र सरकार ने जो किया है, हम लोग मिलकर लड़ेंगे. अभी यह पूरे देश के अंदर विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हुए हैं. मैंने उन से निवेदन किया है कि सारे विपक्ष इकट्ठे हो जाते हैं तो एक तरह से राज्यसभा के अंदर अगर केंद्र सरकार बिल के रूप में लेकर आती है तो राज्यसभा के अंदर उन्हें हराया जा सकता है.

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क्या है अध्यादेश?
अध्यादेश की बात करें तो इसमें कहा गया है कि, दिल्ली भारत की राजधानी है, जो सीधे राष्ट्रपति के अधीन है. ऐसे में अधिकारियों के फेरबदल का अधिकार राष्ट्रपति के अधीन रहेगा. इस अध्यादेश के अनुसार राजधानी में अब अधिकारियों का तबादला और नियुक्ति नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी (एनसीसीएसए) के माध्यम से होगी. इस अध्यादेश में कहा गया है कि इस एनसीसीएसए के अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे.मगर मुख्य सचिव व गृह सचिव इसके सदस्य होंगे. मुख्य सचिव व गृह सचिव की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी. अधिकारियों की नियुक्ति के विषय में एनसीसीएसए उपराज्यपाल को अनुमोदन करेगी और अधिकारियों के तबादला और नियुक्ति में अगर कोई विवाद होता है तो आखिरी फैसला दिल्ली के एलजी का मान्य होगा. इसी अध्यादेश पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने गहरी आपत्ति दर्ज की है. 

 विपक्ष के बड़े नेताओं से मिल चुके हैं नीतीश 

खबर यह भी है कि नीतीश कुमार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बार फिर से बैठक करेंगे। इसके पहले नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव शनिवार को बेंगलुरु में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण में शामिल हुए थे. वहां से नीतीश कुमार दिल्ली पहुंचे है। इसके पहले की मुलाकात में यह तय हुआ था कि सभी विपक्षी दलों के साथ बैठ कर यह तय कर लिया जाए कि किस तरह से आगे बढ़ा जाय. नीतीश कुमार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात की थी. उसी दिन यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी मिले थे. एक महीने पहले सीएम नीतीश दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिल चुके हैं। शरद पवार व उद्धव ठाकरे से भी विपक्षी एकजुटता के मसले पर मुख्यमंत्री की मुबंई में मुलाकात हो चुकी है। रांची में वह झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मिल चुके हैं। 

विपक्षी नेताओं की ज्वाइंट मीटिंग की तारीख तय नहीं 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार-बार इस बात को दुहरा रहे हैं कि उनकी कोई इच्छा नहीं है. वे प्रधानमंत्री कैंडिडेट के रेस में नहीं हैं. उनकी एक ही इच्छा है कि सभी विपक्षी दल गोलबंद हो जाएं ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को रोका जाय. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि बहुत जल्द तमाम विपक्षी नेताओं की एक साथ बैठक होगी और वह मीटिंग पटना में ही होगी. हालांकि ज्वाइंट मीटिंग कब होगी, इसकी तारीख तय नहीं है.

पटनायक ने नहीं दिया भाव 

हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी मुलाकात की थी. लेकिन उन्होंने खास नोटिस नहीं लिया. नवीन पटनायक से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है. राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि पटनायक ने नीतीश कुमार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.