जो धर्म समान अधिकार नहीं देता है या सबके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता हो वह धर्म बीमारी है... कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे का बड़ा बयान

जो धर्म समान अधिकार नहीं देता है या सबके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता हो वह धर्म बीमारी है... कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे का बड़ा बयान

DESK. जो धर्म आपको समान अधिकार नहीं देता है या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता हो वह बीमारी के समान है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने सोमवार को ये बातें कही. उन्होंने तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की 'सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए' वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए ये बातें कही. कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या यह सुनिश्चित नहीं करता हो कि आपके पास मानव होने की गरिमा है, वह धर्म नहीं है. 

उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कोई भी धर्म जो आपको समान अधिकार नहीं देता या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता वह बीमारी के समान ही है. हालांकि उन्होंने उदयनिधि स्टालिन के बयान की ना तो निंदा की और ना ही उन्होंने उनके विवादित बयान का समर्थन किया. हालांकि प्रियांक ने समाज में धर्म के भीरत व्याप्त कुरूतियों पर कटाक्ष किया और उसके लिए वैसे धर्म को बीमारी बता दिया. 

दरअसल, उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान देकर बवाल खड़ा कर दिया है. धर्म के खात्मे के लिए आयोजित एक कांफ्रेंस में बोलते हुए उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू की तरह है, इसलिए इसका खात्मा किया जाना चाहिए. न केवल सनातन धर्म का विरोध किया जाना चाहिए बल्कि इसे खत्म कर देना चाहिए. 

उदयनिधि स्टालिन ने सनातन को खत्म करने की बात करते हुए कहा कि सनातनम क्या है? सनातनम नाम संस्कृत से आया है. सनातनम समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है. सनातनम का अर्थ 'स्थायित्व' के अलावा और कुछ नहीं है, जिसे बदला नहीं जा सकता. कोई भी सवाल नहीं उठा सकता. सनातनम का यही अर्थ है. इसलिए इस सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए.

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