PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आंगनबाड़ी सेविका बहाली में गड़बड़ी की शिकायत सुन इतने परेशान हो गये कि तुरंत नियम में बदलाव करने को कहा। आज के जनता दरबार में लगातार 20 शिकायत सुन सीएम नीतीश कापी परेशान हो गए। उन्होंने कहा कि आज समाज कल्याण विभाग के जितने मामले आ रहे वो सब सेविका बहाली में गड़बड़ी के ही हैं। ऐसे में समाज कल्याण विभाग क्या कर रहा।
सेविका बहाली का नियम बदलेगा !
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव से लेकर अपने प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ को बुलाया। एस. सिद्धार्थ ने कहा कि यह सब पूर्व मुखिया के कार्यकाल में गड़बड़ी हुई है। इसे देखना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब इतनी बड़ी संख्या में गड़बड़ी हो रही पूरी प्रक्रिया को देखना होगा। अगर नियम में कुछ करना पड़े तो वो करिए। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ ने कहा कि हमलोग इस मामले को देखेंगे सर... जरूरत पड़ी तो बहाली की वर्तमान नियम की समीक्षा की जायेगी। सीएम नीतीश ने समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव को फोन लगाया और कहा कि इतनी बड़ी गड़बड़ी कैसे हो रही। अगर बहाली में गड़बड़ी है तो नियम को देखिए,क्या करना है इसकी समीक्षा करिए।
मुख्य सचिव तलब
समाज कल्याण विभाग के तहत आंगनबाड़ी बहाली में हो रही गड़बड़ी और लगातार मिल रही शिकायत से सीएम नीतीश परेशान हो गए। तुरंत उन्होंने मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को बुलाया। उन्होंने कहा कि लगातार इस तरह की शिकायत मिल रही है। आपलोग बहाली को लेकर विस्तृत समीक्षा करिए। किस तरह से बहाली हो रही समेत अन्य तमाम बिंदू पर विस्तृत समीक्षा करें। CM नीतीश को अधिकारियों ने बताया कि 68 कंप्लेन समाज कल्याण के आये हैं। यह सुन मुख्यमंत्री चौंक गये और कहा कि इतनी बड़ी संख्या में शिकायत आ रही है तो व्यापक स्तर पर देखना होगा। आखिर इतने मामले कैसे आ रहे,कहां गड़बड़ी है।
पति की मौत के बाद मुआवजे के लिए भटक रही महिला
सीएम नीतीश कोरोना से मौत के बाद परिजनों को मुआवजा नहीं मिलने की शिकायत सुन भौंचक्के रह गये। इसके बाद उन्होंने अफसर को फोन लगाया और कहा कि वैशाली की एक महिला हमारे सामने है। इसके पति की मौत कोरोना से हो गई है। कागज पर भी इसका उल्लेख है लेकिन इसे सहायता राशि नहीं मिली। आप इस मामले को देखिए। वहीं अररिया से आये एक फरियादियों ने सीएम नीतीश से कहा कि हमारे भाई की 2021 में कोरोना से मौत हुई। मुआवजे की राशि के लिए दौड़ लगा रहे लेकिन अब तक सहायता राशि नहीं मिली। इसके बाद मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को फोन लगाकर समाधान का आदेश दिया।