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नीतीश के एनडीए में जाने की पटकथा तैयार, अमित शाह के बयान के बाद बिहार का बढ़ गया सियासी पारा

नीतीश के एनडीए में जाने की पटकथा तैयार, अमित शाह के बयान के बाद बिहार का बढ़ गया सियासी पारा

DELHI- बिहार में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है.नीतीश के एनडीए में फिरे जाने को लेकर शाह के बया के बाद कयासों का बाजार गर्म हो गया है.बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक समाचार पत्र को एक प्रश्न कि पुराने साथी जो छोड़कर गए थे नीतीश कुमार आदि ,ये आना चाहे तो क्या रास्ते खुले हैं पर शाह ने कहा कि जो औऐर तो से राजनीति में बात नहीं होती.किसी का प्रस्ताव होगा तो विचार किया जाएगा. साक्षात्कार में शाह ने कहा कि  इंडी गठबंधन के लोग प्रयास कर रहे हैं, उनके एकत्रित होने की कोई  संभावना ही नहीं ही नहीं है.उन्होंने कहा कि राजस्थान, एमपी,गुजरात,हिमाचल,छत्तीसगढ़ में कोई नहीं है.

नीतीश कुमार भाजपा के साथ खासे समय से साथ रहे हैं. नीतीश की केंद्र से लेकर बिहार तक भाजपा से निकटता दो दशक तक रही है. भाजपा नेताओं की पुण्यतिथि या जयंती समारोह आयोजित करने में नीतीश को संकोच नहीं होता. पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठने में भी अब वे नहीं सकुचाते.नीतीश  जितनी सहजता से लालू यादव, तेजस्वी यादव  से मिलते हैं, उतनी ही सहजता से वे भाजपा के इन अमित शाह से भी मिलते रहे हैं.नीतीश के दोनों हाथ में लड्डू है. उनके बाएं हाथ में इंडी अलायंस है तो दाईं हथेली पर एनडीए.इस बार लोकसभा चुनाव में ग्रहण करते हैं.

नीतीश अभी इंडी महागठबंधन के साथ है.  इंडी गटबंधन को बनाने में नीतीश का खासा योगहदान रहा है.इसके  बावजूद  इंडी में नीतीश हाशिये पर हैं. गठबंधन में नीतीश की बात नहीं सुनी जा रही.यहीं नही नीतीश के गुस्से का ्हसास इंडी गठबंधन के नेताओ को है. लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग का मुद्कीदा अधर में लटका हुआ है.यह भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि जेडीयू को कितनी सीटें मिलेंगी. उन्होंने अपना पक्ष रख दिया है. जेडीयू के नेता कहते हैं कि 16 सीटें तो उनकी जीती हुई हैं। लड़ाई तो 17 पर जेडीयू ने लड़ी थी. इसलिए 17 से कम पर मानने का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता. बिहार में इंडी अलायंस में छह दल शामिल हैं. सीट बंटवारे में नीतीश को मुश्किल नजर आ रही है।.लेफ्ट की दो पार्टियों ने आठ सीटें मांगी हैं. सीपीआई (एमएल) को पांच सीटें तो सीपीआई को तीन सीटें चाहिए।.कांग्रेस 11 सीटों पर अड़ी है. ऐसे में 21 सीटें बचती हैं. इन्हीं सीटों में आरजेडी और जेडीयू भी हैं.नीतीश की हड़बड़ी इसी वजह से है.

वहीं इंडी गठबंधन की चौथी बैठक के बाद नीतीश नाराज हैं. तीन महीने बाद वे संक्राति पर राबड़ी आवासगए तो इसे राजनीतिक पंडितों ने औपचारिक हीं माना. नीतीश -लालू की दूरी के लगातार कयास लग रहे हैं ऐसे में शाह के बयान से बिहार की राजनीति की पारा एकाएक काफी बढ़ गया है.


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