भागलपुर- बिहार में पुल गिरने का सिलसिला फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है. सूबे में जितनी तेजी से पुल गिर रहे हैं, उससे लगता है कि लोग कुछ दिनों के बाद गिनती करना भी भूल जाएंगे कि कितने पुलों ने अब तक जल समाधि ले ली है. भागलपुर में सीएम नीतीश का ड्रीम प्रोजेक्ट सुल्तानगंज-अगुवानी गंगा नदी पर बन रहा निर्माणाधीन फोरलेन पुल ने तीसरी बार जल समाधि ली है. भागलुपर की तरफ से 9 और 10 नंबर के बीच का हिस्सा गंगा नदी में समा गया. पिलर पर बना स्लैब लोहा समेत गंगा नदी में समा गया. लगातार तीसरी बार पुल हादसे के बाद हड़कंप मचा हुआ है. शनिवार की सुबह पिलर संख्या 9 के ऊपर का स्ट्रक्चर का कुछ हिस्सा अचानक ढह कर पानी में समा गया.
बता दें कि 30 अप्रैल 2022 के रात में हवा के झोंके से पिलर संख्या पांच गिरा था. 4 जून 2023 को सुल्तानगंज से खगड़िया के अगुवानी गंगा घाट पर निर्माणाधीन पुल के पिलर नंबर 10, 11 और 12 अचानक गिरकर नदी में बह गए थे. पुल गिरने की घटना बिहार में सियासी बवाल खड़ा कर दिया था.
इस पुल की आधारशिला 23 फरवरी , 2014 को खगड़िया जिले के परबत्ता में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रखी थी. साथ ही नौ मार्च, 2015 को कार्यारंभ किया गया था. करीब 11 साल बाद भी यह पुल नहीं बन सका है. इस पुल की लागत करीब 1710 करोड़ रुपये है.यह पुल करीब 3.160 किमी लंबाई में बन रहा है. इसमें खगड़िया की ओर से करीब 16 किमी और सुल्तानगंज की ओर से करीब चार किमी लंबाई में एप्रोच रोड भी बन रहा है. ऐसे में एप्रोच सहित पुल की लंबाई करीब 23.1 किमी है.
बता दें कि यह पुल खगड़िया और भागलपुर जिलों को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है. पुल का निर्माण कार्य 2015 में एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा शुरू किया गया था. बहरहाल सीएम नीतीश का ड्रीम प्रोजेक्ट तीसरी बार जमींदोज हुआ है. इससे हड़कंप मचा हुआ है.
रिपोर्ट - अंजनी कुमार कश्यप