Corona in India: भारत में फिर आतंक मचाने लौट रहा है कोरोना! बीते 24 घंटों में सामने आए 350 मामला, मौत के आंकड़ों में भी हुआ इजाफा

Corona in India: भारत में कोरोना फिर से तेजी से फैलने लगा है। ओमिक्रॉन के नए उप-वेरिएंट सामने आए हैं, लेकिन घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है।

Corona in India
कोरोना से खतरे की घंटी- फोटो : social media

Corona in India:भारत में कोरोना वायरस के मामलों में 2025 के मई के अंत में अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखी गई है। 22 मई को जहां केवल 257 सक्रिय मामले थे, वहीं 1 जून तक यह संख्या बढ़कर 3395 हो गई है। पिछले 24 घंटों में ही 685 नए केस सामने आए और 4 लोगों की मृत्यु हुई है, जो दिल्ली, केरल, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश से है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े दर्शाते हैं कि:

केरल में सबसे अधिक 1400 एक्टिव केस

महाराष्ट्र में 485

दिल्ली में 436

गुजरात, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में भी 100 से अधिक केस दर्ज किए गए हैं।इस स्थिति को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। टेस्टिंग और ट्रैकिंग को फिर से बढ़ाया जा रहा है।

नए ओमिक्रॉन उप-वेरिएंट्स: LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1

ICMR के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने बताया कि जीनोम सीक्वेंसिंग से कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स सामने आए हैं। इनमें से LF.7, XFG और JN.1 प्रमुख हैं जो ज़्यादा मामलों में देखे जा रहे हैं।ये वेरिएंट्स मुख्यतः भारत के पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों से लिए गए सैंपलों में पाए गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ये वेरिएंट्स तेज़ी से फैलते हैं, लेकिन इनकी गंभीरता कम है।मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है।अधिकतर मामलों में इलाज घर पर ही संभव हो रहा है।यह स्थिति भले ही गंभीर न लगे, लेकिन वायरस के म्यूटेशन की प्रक्रिया जारी है और यह आगे चलकर चिंताजनक हो सकती है।

लक्षण और विशेषज्ञों की राय

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि इन वेरिएंट्स से संक्रमित लोगों में मुख्य रूप से हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं, जैसे कि:

बुखार

गले में खराश

सिरदर्द

नाक बहना

थकान

ये लक्षण आम वायरल संक्रमण जैसे हैं, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि ये वेरिएंट्स प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा दे सकते हैं। WHO ने हालांकि इन्हें फिलहाल "Variants of Concern" में नहीं रखा है, जो थोड़ी राहत की बात है।

सरकार और स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां

केंद्र सरकार ने कोविड ट्रेंड्स पर नजर बनाए रखने के लिए टीम गठित कर दी है। देशभर में RT-PCR और रैपिड टेस्टिंग को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा, निम्नलिखित उपायों पर बल दिया जा रहा है।अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड और दवाओं की उपलब्धता पर ध्यान दिया जा रहा है। हेल्पलाइन और टेलीमेडिसिन सुविधाओं को पुनः सक्रिय किया जा रहा है। वृद्धजनों और को-मॉर्बिडिटी वाले मरीजों की निगरानी की जा रही है।स्वास्थ्य मंत्रालय जनता से यह अपील कर रहा है कि भीड़भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनना, हैंड सैनिटाइज़र का प्रयोग, और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करना फिर से जरूरी हो गया है।

सावधानी बरतें, घबराएं नहीं

डॉ. बहल की सलाह है कि इस समय घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। उनका मानना है कि सरकार पूरी तरह से स्थिति पर नज़र बनाए हुए है और किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार है।महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बार सरकार की प्राथमिकता अस्पतालों पर दबाव न पड़ने देना और मरीजों को घर पर ही उपचार उपलब्ध कराना है। यह रणनीति मरीजों और स्वास्थ्य सेवाओं दोनों के लिए राहतकारी है।