प्रदेश में बेखौफ हुए अपराधी, दो सगे भाईयों पर बरसाई गोली, एक की मौत

PATNA : राजधानी में हत्या का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। शनिवार को जहां सरेआम पूर्व पार्षद के पति की हत्या कर दी गई थी, वहीं रविवार की शाम अपराधियों ने एक किसान को गोलियों से भून डाला। घटना राजधानी से कुछ किलोमीटर की दूरी नौबतपुर लख की है। बताया जा रहा है कि खानदानी जमीन और पैसे के लेन-देन में अपराधियों ने बाइक से जा रहे दो भाइयों पर गोलियों की बौछार की। इस घटना में जहां 65 वर्षीय उमाशंकर सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहीं उनका छोटा भाई मुकुल की जान बाल-बाल बच गई। इस दौरान अपराधी उमाशंकर की लाइसेंसी रायफल भी अपने साथ ले गए। 


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मिली जानकारी के अनुसार छोटी टंगरैला निवासी उमशंकर सिंह और उनके छोटे भाई मुकुल  नौबतपुर से सब्जी लेकर घर जा रहे थे। उमाशंकर पीछे बैठे हुए थे। उनके एक हाथ में सब्जी और दूसरे हाथ में रायफल थी। इसी बीच बाइक सवार चार अपराधियों ने नौबतपुर लख पर पहुंचते ही ताबड़तोड़ चार-पांच राउंड फायरिंग की। उमाशंकर के सिर में दो गोलियां लगीं और बाइक से लुढ़क गए। गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। करीब एक साल पहले उमाशंकर के ठेकेदार बेटे धीरज की हत्या नौबतपुर-खगौल मार्ग पर जानीपुर थाना के ब्रह्मस्थानी के पास हुई थी। अपराधियों ने धीरज को उस वक्त गोली मारी थी जब वह कार से पटना से नौबतपुर लौट रहे थे। धीरज की हत्या में रूपेश और बिक्रम के दो अपराधियों को नामजद किया गया था। धीरज हत्याकांड में रूपेश अभी बेउर जेल में है। 


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दरअसल जेल में बंद रूपेश और उमाशंकर गोतिया हैं। दोनों परिवार के बीच खानदानी जमीन और पैसे के लेनदेन को लेकर कई वर्षों से विवाद चल रहा है। पुलिस का मानना है कि रविवार की शाम उमाशंकर की हत्या बेउर जेल में बंद रूपेश के इशारे पर उसके गुर्गों ने की और उनका हथियार लेकर भाग गए। पुलिस इस बात भी जांच कर रही है कि धीरज की हत्या में अन्य दो आरोपी जेल में ही बंद हैं या जमानत पर छूटे हैं। 


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गोलियों की बौछार के बीच बाल-बाल बचे उमाशंकर के छोटे भाई चश्मदीद मुकुल ने बताया कि दोनों भाई नौबतपुर से सब्जी लेकर बुलेट से घर जा रहे थे। लख पर जब बाइक पहुंची तो कुछ लोग वहां पहले से जमा थे। इसी बीच किसी ने कहा- देखो-देखो वही उमाशंकर है जो बाइक के पीछे बैठा है। बाइक चला रहे थे, समझा कि कोई होगा जो भैया यानी उमाशंकर को पहचानता होगा। जब तक कुछ समझ पाते, अचानक गोलियां चलनी लगीं। मुड़कर देखे तो भैया के सिर में गोली लग गई थी। इसी बीच गोली चलाने वाले अपराधी फरार हो गए। भैया को स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल ले गए। 


एक साल में बाप-बेटे की हत्या होने से छोटी टंगरैला स्थित उमाशंकर के घर में कोहराम मच गया। परिजन दहाड़ मार कर रोने लगे। लोग कह रहे थे दुश्मनवा मार देलके। गांव में तनाव व्याप्त है। किसी अनहोनी की आशंका देख ग्रामीण सहमे हुए हैं।