नालंदा विश्वविद्यालय को भारत लूटने आए आक्रांताओं ने तबाह कर दिया था. करीब आठ सौ साल बाद नालंदा एक बार फिर शिक्षा का केंद्र बनकर इतिहास बनाने के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र आज यानी बुधवार को नालंदा यूनिवर्सिटी के नेट जीरो परिसर का शुभारंभ करने वाले हैं पीएम प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष को देखने भी जाएंगे. पीएम मोदी के आगमन से पहले कार्यक्रम सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी है.
पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, सीएम नीतीश , नालंदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अरविंद पनगढ़िया भी मौजूद रहेंगे. इसके अलावा कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के स्थापना में अहम योगदान देने वाले 17 देशों के राजदूत भी शामिल होंगे. करीब नौ सौ साल बाद फिर से पुनर्जीवित नालंदा विश्वविद्यालय का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकार्पण करेंगे.
राजगीर और नालंदा विश्वविद्यालय नरेंद्र मोदी और समारोह में शामिल होने वाले अतिथियों के स्वागत के लिए सजधज कर तैयार है. पुलिस और प्रशासन द्वारा प्रधानमंत्री के आगमन पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है. विश्वविद्यालय परिसर और विश्व धरोहर परिसर के चप्पे चप्पे में पुलिस और दण्डाधिकारी को तैनात किया गया है.
नालंदा विवि के निर्माण में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की भूमिका महनीय रही . नालंदा विश्वविद्यालय एक मात्र कार्बन मुक्त नेट जीरो कैंपस है. इसका डिजाइन व निर्माण पर्यावरण और वास्तुकला के अनुकूल किया गया है. प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के इर्द-गिर्द जितने तालाब थे. लगभग उतने तालाब इस विश्वविद्यालय परिसर में भी हैं.