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मोतियाबिंद के ऑपरेशन में आंखें गंवानेवाली महिला ने अब जिंदगी गंवाई, घर पहुंचते ही हुई मौत, यहां चार डॉक्टरों पर दर्ज हुआ मामला

मोतियाबिंद के ऑपरेशन में आंखें गंवानेवाली महिला ने अब जिंदगी गंवाई, घर पहुंचते ही हुई मौत, यहां चार डॉक्टरों पर दर्ज हुआ मामला

MUZAFFARPUR : मुजफ्फरपुर आई हॉस्पीटल में ऑपरेशन के बाद कई लोगों की आंखों की रोशनी छिनने के बाद मौत की घटनाएं भी सामने आने लगी है। बिहार का दूसरा अंखफोड़वा कांड कहे जानेवाले इस मामले में अब तक 15 से ज्यादा लोगों की आंखें निकाली जा चुकी है। अब इस मामले में पहली मौत की घटना भी सामने आ गई है। बताया जा रहा है कि बीते 22 नवंबर को मोतियाबिंद आपरेशन के बाद आंख गंवाने वाली एक महिला की संदिग्ध स्थिति में गुरुवार को मौत हो गई। मृतका की पहचान प्रखंड के रामपुरदयाल गांव निवासी मो. अनवर अली की 58 वर्षीय पत्नी रुबैदा खातून के रूप में हुई है। इस मामले से बिहार के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग (Health Department of Bihar) में हड़कंप मच गया है। 

अस्पताल से लौटने के बाद घर में मौत

मृतक के पुत्र अकबर अली ने बताया कि 25 नवंबर को  मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल में मोतियाबिंद का आपरेशन हुआ था। वहां से घर आने के बाद दो दिन पहले पुन: आंख में दर्द होने लगा। साथ ही दम फूलना शुरू हो गया तो स्थानीय चिकित्सक को दिखाया जिसने एसकेएमसीएच जाने की सलाह दी। बुधवार को मां को लेकर एसकेएमसीएच गया जहां इलाज किया गया। आराम होने के बाद गुरुवार की सुबह घर लौट आए। घर आने के कुछ घंटे बाद अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई और मौत हो गई।


NHRC की दखल के बाद चार डॉक्टरों पर एफआईआर

मामले में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की हाई लेवल जांच के बीच अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी दखल दी है। आयोग ने नोटिस जारी कर मुख्‍य सचिव से घटना की पूरी जानकारी तलब किया है। घटना की जांच के लिए पटना से स्वास्थ्य विभाग की एक हाई लेवल टीम भी मुजफ्फरपुर पहुंच चुकी है। वहीं बिहार के मुजफ्फरपुर में आंख का ऑपरेशन के बाद रोशनी गंवाने की घटना सामने आने के चार दिन बाद गुरुवार को सिविल सर्जन ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर एनडी साहू और डॉ. समीक्षा सहित चार डॉक्टरों और पांच पारा मेडिकल स्टॉफ पर प्राथमिकी दर्ज करा दी। 

इन पर हत्या के प्रयास, जानबूझ कर लापरवाही और अंगभंग करने जैसे जुर्म की धाराएं (307,336,337,325,326) लगाई गई है। अब चूंकि एक महिला की मौत हो गई है, ऐसे में माना जा रहा है कि धाराएं बदल सकती हैं।  इसके साथ ही अस्पताल प्रबंधन पर भी कई संगीन आरोप लगाए गए हैं। सरकार के आदेश के 24 घंटे बाद बड़ी जद्दोजहद से ब्रह्मपुरा थाने में सिविल सर्जन ने एफआईआर कराई। एसएसपी ने कहा कि एफआईआर दर्ज होते ही जांच शुरू कर दी गई है।

रद्द होगा लाइसेंस 

वहीं डीएम प्रणव कुमार ने कहा है प्रशासन हर एक मरीज से संपर्क कर रहा है। गुरुवार को तीन मरीजों की संक्रमित आंख निकाली जानी थी मगर किसी का भी ऑपरेशन नहीं हो सका। इधर,पटना से पहुंची जांच टीम के अधिकारी ने कहा कि कई स्तरों पर जांच हो रही है। जांच रिपोर्ट में अस्पताल का दोष सामने आया तो उसका लाइसेंस रद्द किया जाएगा।

पटना में होगा बाकि मरीजों का इलाज

गुरुवार को भी पूरे मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज और सदर अस्पताल से लेकर आई हॉस्पिटल तक गहमागहमी बनी रही। मुजफ्फरपुर ऑई हॉस्पिटल में 22 नवंबर को ऑपरेशन हुए सभी 65 मरीजों की जांच अब पटना के अस्पतालों में कराया जाएगा। जांच रिपोर्ट के बाद ही किसी अन्य की आंख निकाले जाने और इलाज पर निर्णय होगा

एक दिन में कितने ऑपरेशन करने का प्रावधान, मुख्य सचिव से मांगा जवाब

एनएचआरसी ने बिहार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर मुजफ्फरपुर के अस्पताल में किए गए मोतियाबिंद आपरेशन का ब्योरा मांगा है। आयोग ने अस्पताल में हुए आपरेशन से जुड़ी तमाम चीजों की जानकारी देने का निर्देश दिया है। अस्‍पताल में आयोजित शिविर में डाक्‍टर ने 65 मरीजों का आपरेशन किया था। आयोग ने यह भी बताने को कहा है कि मेडिकल प्रोटोकॉल के तहत एक डाक्‍टर एक दिन में कितने आपरेशन कर सकता है।

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